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Thu, Dec 11, 2025

इंदौर के अग्रसेन चौराहे पर हंगामा, हाट वालों और निगम में विवाद, MIC सदस्य मनीष मामा ने संभाला मामला

Written by:Bhawna Choubey
अग्रसेन चौराहे पर हाट हटाने पहुंचे नगर निगम कर्मचारियों और दुकानदारों में अचानक विवाद छिड़ गया। बढ़ते तनाव के बीच MIC सदस्य मनीष मामा मौके पर पहुंचे और स्थिति शांत कराई। ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए हाट को नई जगह व्यवस्थित किया गया।
इंदौर के अग्रसेन चौराहे पर हंगामा, हाट वालों और निगम में विवाद, MIC सदस्य मनीष मामा ने संभाला मामला

इंदौर के व्यस्त अग्रसेन चौराहे (Agrasen Chowk) पर गुरुवार शाम उस समय तनाव की स्थिति बन गई, जब नगर निगम की टीम हाट हटाने पहुँची। सड़क और लेफ्ट टर्न पर लगने वाली दुकानों के कारण लगातार ट्रैफिक जाम की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके चलते निगम एक्शन लेने पहुँचा था। लेकिन जैसे ही कर्मचारी हाट हटाने लगे, कई दुकानदारों ने आपत्ति जताई और मामला गर्माते हुए विवाद की स्थिति बन गई।

इसी दौरान खबर मिलते ही MIC सदस्य मनीष शर्मा मामा मौके पर पहुंचे। उनके पहुंचते ही स्थिति कुछ शांत हुई और उन्होंने बिना देर किए दुकानदारों व निगम कर्मचारियों दोनों से बात करनी शुरू की। मनीष मामा ने दुकानदारों को समझाया कि निगम का उद्देश्य किसी का रोज़गार छीनना नहीं है, बल्कि ट्रैफिक को सुचारू रखना भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने दुकानदारों से यह भरोसा दिलाया कि हाट को बंद नहीं किया जा रहा है, केवल इतना किया जा रहा है कि गलत जगह लगी दुकानों को हटाकर सभी को एक व्यवस्थित स्थान पर लगाया जाए, ताकि सड़क खुली रहे और ट्रैफिक भी प्रभावित न हो।

सड़क और लेफ्ट टर्न खाली कराने का फैसला

निगम अधिकारियों और MIC सदस्य ने चौराहे का निरीक्षण करते हुए यह तय किया कि सड़क और लेफ्ट टर्न पर लगी दुकानों को तुरंत अंदर शिफ्ट किया जाएगा। उसके बाद कर्मचारियों ने मौके पर ही व्यवस्थित रूप से हाट की नई लाइनिंग तैयार करवाई, ताकि हर दुकानदार को जगह मिले और यातायात को भी कोई बाधा न हो। दुकानदारों ने भी मनीष मामा की समझाइश के बाद सहयोग किया और धीरे-धीरे अपनी दुकानें नए निर्धारित स्थान पर लगाने लगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि चौराहे पर लंबे समय से ट्रैफिक की समस्या बनी हुई थी और हाट को इस तरह व्यवस्थित किए जाने से आने-जाने में काफी राहत मिलेगी।

पहले जानकारी मिलती तो खुद शिफ्ट कर लेते दुकानें

विवाद के दौरान कई दुकानदारों ने यह भी कहा कि वे निगम के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि अचानक कार्रवाई होने से परेशानी बढ़ती है। उनका मानना था कि अगर पहले से जानकारी दे दी जाती या किसी प्रतिनिधि के माध्यम से समझाया जाता, तो वे खुद ही अपनी दुकानें सही जगह शिफ्ट कर लेते। हालांकि, मनीष मामा के हस्तक्षेप के बाद माहौल में तनाव कम हुआ और सारी कार्रवाई शांतिपूर्वक संपन्न हो गई।