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Sat, Dec 6, 2025

दिग्विजय इसलिए दिग्विजय हैं…भाजपा विधायक के पुत्र एकलव्य गौड के फरमान के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री ने सौंपा एफआईआर के लिए ज्ञापन

Written by:Virendra Sharma
इंदौर में मुस्लिम कर्मचारियों को हिंदूओं की दुकानों से हटाने के भाजपा विधायक के पुत्र एकलव्य गौड के फरमान का विरोध करने के के मिश्रा सहित कांग्रेसियों के साथ शीतला माता क्षेत्र में पहुंचे, पुलिस को ज्ञापन सौंपा
दिग्विजय इसलिए दिग्विजय हैं…भाजपा विधायक के पुत्र एकलव्य गौड के फरमान के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री ने सौंपा एफआईआर के लिए ज्ञापन

राजनीति में अक्सर राजनेता नफा नुकसान देखकर काम करते हैं, इसलिए अब गलत को गलत और सही को सही कहना भी राजनीतिक चश्मे से देखा जाने लगा है और उसमें अपना और पार्टी का फायदा प्राथमिकता बन गई है।

ऐसे में यदि कोई राजनेता व्यक्तिगत हितों से ज्यादा उसूलों और जनता के हितों को प्राथमिकता दे तो बड़ा आश्चर्य होता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने।

विधायक पुत्र का फरमान

इंदौर में पिछले दो सप्ताह से एक विवाद बड़ी तेजी के साथ सामने आ रहा है। दरअसल पूर्व महापौर और वर्तमान में विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य गौड़ ने एक फरमान जारी किया है जिसमें इंदौर के शीतला माता क्षेत्र में हिंदू दुकानदारों को मुस्लिम सेल्समैन को नौकरी से हटाए जाने का आदेश दिया गया है। वजह बताई गई है कि ऐसे लोगों की उपस्थिति से लव जिहाद जैसे मामले बढ़ते हैं और सांप्रदायिक तनाव होने की आशंका रहती है। मामला चूंकि सत्ताधारी पार्टी के विधायक पुत्र के आदेश का है इसलिए जाहिर सी बात है कि मन मारकर ही सही, दुकानदारों को उसका पालन करना ही है।

पक्ष क्या विपक्ष तक के नहीं सुनाई दिए विरोध स्वर

लेकिन ऐसे में जो सेल्समैन बेरोजगार हो गए उनका और उनके परिवारों का क्या। छोटे-मोटे आंदोलन भी हुए लेकिन सब कुछ नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह गए। विपक्ष की आवाज के नाम पर कांग्रेसियों के मुंह से भी बोल नहीं फूटे। ऐसे में एक बार फिर दिग्विजय सिंह सामने आए।

दिग्विजय ने दिया दोषियों के खिलाफ एफआईआर का ज्ञापन

शनिवार को इसी मुद्दे को लेकर दिग्विजय सिंह इंदौर पहुंचे और उन्होंने सराफा बाजार थाना क्षेत्र में जाकर इस मामले में दोषियों पर एफआईआर के लिए पुलिस को ज्ञापन भी सौंपा। हालांकि स्थानीय स्तर पर उनका विरोध भी हुआ और पुलिस ने उन्हें शीतला माता के दर्शन से भी रोक दिया। बावजूद इसके, दिग्विजय सिंह बड़ी मजबूती के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के के मिश्रा और कांग्रेसियों को लेकर सराफा बाजार थाने पहुंचे और पुलिस से इस संवेदनशील मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की।

भाजपा लगाती रही है आरोप

भाजपा पहले भी दिग्विजय सिंह पर अल्पसंख्यक समर्थक होने का आरोप लगाकर उन्हें घेरती रही है और ऐसे में यदि दिग्विजय सिंह चाहते तो इस मुद्दे को दरकिनार कर सकते थे। लेकिन बात उसूलों की है और यह ऐसा मुद्दा है जो देशभर में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का काम कर सकता है। तो दिग्विजय सिंह ने बिना अंजाम की परवाह किए इस मुद्दे पर अपना विरोध जता ही दिया। और फिर साबित हो गया कि आखिर “यूं ही लोग दिग्विजय सिंह को दिग्विजय नहीं कहते हैं”।