साजिश के तहत कर्मचारियों को निकाला, श्रमायुक्त कार्यालय में बताई पीड़ा

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इंदौर. इंदौर के चोइथराम फाउंडेशन स्कूल और चोइथराम नेत्रालय में कार्यरत कर्मचारियों ने आज उस वक्त हंगामा खड़ा कर दिया जब उन्हें पता चला कि उनकी 8 साल पुरानी नौकरी से उन्हें जबरन और धोखे से बेदखल कर दिया। दरअसल, 3 दिन पहले धार रोड के तलावली स्थित नावदा पंथ के समीप चोइथराम नेत्रालय का मामला है जहां प्रबंधन की नाराजगी के चलते कर्मचारी लामबंद होकर हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों की शिकायत थी कि उन्हें नौकरी के नाम पर प्रबंधन द्वारा ठगा जा रहा है ना तो उन्हें साप्ताहिक अवकाश मिलता है और ना श्रम कानूनों के नियमो का पालन किया जाता है और कई बार तो प्रबंधन के लोगो द्वारा महिला कर्मचारियों को अपशब्द बोलकर काम कराया जाता है। सूत्रों की माने तो हड़ताल पर गए कर्मचारियों पर पुलिस ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया था जिसके बाद कर्मचारियों को शालीन तरीके से नेत्रालय के सामने प्रदर्शन नही करने दिया गया। इसके बाद कर्मचारी कलेक्टर की शरण मे गए जिसके बाद प्रबंधन ने धोखे से कर्मचारियों को बुलाया और सभी 80 कर्मचारियों को काम पर रखने का लालच देकर उनसे अलग – अलग फार्म पर हस्ताक्षर करा लिए। इसके बाद उन्हें काम पर नही रखा गया और बताया गया कि आपने ही लिखित में दिया है कि हम काम छोड़ रहे है। प्रबंधन की चालाकी के बाद हड़ताली कर्मचारियों ने  श्रम कानून के खिलाफ काम करने वाले चोइथराम फाउंडेशन के खिलाफ पीएम मोदी और सीएम कमलनाथ के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कर्मचारियों ने पारिवारिक पीड़ा का जिक्र करते हुए चोइथराम नेत्रालय और फाउंडेशन को जमकर कोसा।

बता दे कि प्रबंधन के आदित्य व्यास और कृष्णा खुटाल द्वारा महिलाओ से आपत्तिजनक शब्द बोलकर काम करने का आरोप भी लगाया गया है। फिलहाल, इस मामले में प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी सामने नही आई है।


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