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Sun, Dec 7, 2025

इंदौर MGM कॉलेज में रैगिंग: 4 महीने की प्रताड़ना से छात्रा का 22 किलो वजन घटा, सीनियर डॉक्टरों पर गंभीर आरोप

Written by:Banshika Sharma
इंदौर के MGM मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एक पीजी छात्रा ने चार सीनियर डॉक्टरों पर गंभीर प्रताड़ना का आरोप लगाया है, जिसके चलते चार महीने में उसका 22 किलो वजन कम हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
इंदौर MGM कॉलेज में रैगिंग: 4 महीने की प्रताड़ना से छात्रा का 22 किलो वजन घटा, सीनियर डॉक्टरों पर गंभीर आरोप

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इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का एक गंभीर मामला सामने आया है। यहां प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में पीजी प्रथम वर्ष की एक छात्रा ने अपने चार सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों पर पिछले चार महीनों से मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। लगातार तनाव और उत्पीड़न के कारण छात्रा का वजन 22 किलोग्राम तक घट गया, जिसके बाद उसे एमवाय अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

पीड़ित छात्रा ने इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग सेल में दर्ज कराई है। शिकायत के बाद कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू कर दी है।

‘सीनियर्स ने जिंदगी नर्क बना दी’

राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग सेल को भेजी अपनी शिकायत में छात्रा ने बताया कि सीनियर्स के व्यवहार ने उसकी जिंदगी को नर्क बना दिया है। छात्रा ने आरोप लगाया कि उसे लगातार परेशान किया जा रहा है।

शिकायत के अनुसार, आरोपी सीनियर्स उसे ऑपरेशन थिएटर (OT) से बाहर निकालने की धमकी देते हैं, उसकी छुट्टियों को लेकर झूठी अफवाहें फैलाते हैं और बार-बार नाइट ड्यूटी करने के लिए मजबूर करते हैं। छात्रा का कहना है कि उस पर काम का बोझ भी बढ़ा दिया गया है।

“व्हाट्सएप ग्रुप पर भी मुझे बेइज्जत करते हैं, अपमानजनक बातें लिखते हैं और अगर इन बातों का विरोध किया जाए तो उसे और तंग और मेंटली प्रताड़ित करने की धमकी देते हैं।” — पीड़ित छात्रा (शिकायत में)

जांच शुरू, दर्ज हो रहे बयान

शिकायत मिलने के बाद MGM मेडिकल कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है। कमेटी ने पीड़ित छात्रा और आरोपी सीनियर डॉक्टरों के बयान दर्ज किए हैं। छात्रा के परिजनों का कहना है कि वह इस प्रताड़ना से पूरी तरह टूट चुकी है और फिलहाल उसकी हालत ठीक नहीं है।

कमेटी के सदस्य जांच पूरी होने के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग सेल और कॉलेज प्रशासन को सौंपेंगे। इसी रिपोर्ट के आधार पर आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। मध्य प्रदेश में पिछले कुछ समय से शिक्षण संस्थानों में रैगिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिसने प्रशासन और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है।