किले की खुदाई में छिपा था राज! 17वीं सदी का सीक्रेट कमरा आया सामने

दरअसल, यूक्रेन की ऐतिहासिक खुदाई के दौरान 300 साल पहले बंद हो चुका गुप्त कमरा पाया गया है। यह उस युद्धकाल की यादें समेटे हुए है, जब तुर्कों ने किले पर हमला किया था।

वैज्ञानिकों द्वारा अक्सर कोई ना कोई इन्वेंशन किया जाता है। वहीं, इतिहास के जानकार भी किले, आदि की जमीन के अंदर कई छिपे राज पता लगाने के लिए खुदाई करवाते रहते हैं, जिनमें उन्हें आए दिन सफलता हाथ लगती रहती है। यूक्रेन में पाई गई यह खोज भी कुछ ऐसी ही है, जहां 300 साल से बंद सीक्रेट कैमरा मिला है, जिसने वैज्ञानिकों के साथ-साथ इतिहासकारों के होश उड़ा दिए हैं।

दरअसल, यूक्रेन की ऐतिहासिक खुदाई के दौरान 300 साल पहले बंद हो चुका गुप्त कमरा पाया गया है। यह उस युद्धकाल की यादें समेटे हुए है, जब तुर्कों ने किले पर हमला किया था।

गैलिशियन किला

बता दें कि पश्चिमी यूक्रेन के हलीम शहर में स्थित गैलिशियन किले की खुदाई की जा रही थी। इस दौरान यूक्रेन की नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंसेज की पुरातत्व टीम को वेंटिलेशन शाफ्ट, यानी हवा आने-जाने की पतली नाली दिखाई दी, जो कि इतनी संकरी थी कि उसमें से कोई भी अंदर नहीं जा सकता था। टीम ने करीब 5200 क्यूबिक फीट मलबा हाथों से हटाया, जिससे किसी चीज को नुकसान न पहुंचे और किले के रहस्य को जाना जा सके।

गुप्त कमरा

पुरातत्व टीम द्वारा किले के पुराने टावर के खंडहरों की जांच के दौरान गुप्त कैमरा मिला, जो कि कैसमेट की तरह होता है, जिसमें हथियार रखे जाते थे या तोप चलाई जाती थी। इन दीवारों पर काले धब्बे मिले हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह तोप से निकले धुएं का हो सकता है। हालांकि, कमरे में वेंटिलेशन भी बनाया गया था, ताकि धुएं को बाहर निकाला जा सके। इतिहासकारों का दावा है कि साल 1676 में जब तुर्कों ने किले पर हमला किया था, तब यह कैमरा मलबे में दब गया होगा, जिस पर किसी की भी अब तक नजर नहीं पड़ी।

रहा करता था शाही परिवार

बता दें कि गैलिशियन किला पहले लकड़ी से बनाया गया था, जिसे राजा कश्मीरी-3 ने मजबूत पत्थरों से बनवाकर इसे नवीनीकरण में तब्दील किया। लेकिन तुर्कों के हमले के बाद यह काफी ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गया और इसके काफी हिस्से मलबे में दब गए। एक जमाने में यहां शाही परिवार रहा करता था, लेकिन युद्ध के समय यह रक्षा स्थल में बदल गया। फिलहाल, टीम द्वारा किले में छुपे अन्य रहस्यों को पता लगाने के प्रयास जारी हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News