15 साल बाद आरोपी ने कबूल किया हत्या का जुर्म, कहा ‘मुश्किल हो गया था जीना’

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After 15 years criminal confessed the crime : कहते हैं कि जुर्म कभी छिपता नहीं है। कोई भी क्राइम परफेक्ट नहीं होता। अपराधी कोई न कोई निशान छोड़ ही जाता है। लेकिन कई बार कई केस ठोस सबूतों के अभाव में अनसुलझे छूट जाते हैं। ऐसे में कई बार कुछ केस बहुत ही अप्रत्याशित तरीके से खुलते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ टोली पेराल्टा के साथ।

मैक्सिकों के निवासी पेराल्टा ने अपराध के 15 साल बाद पुलिस के सामने हत्या का जुर्म कबूल किया। उसने कहा कि डेढ़ दशक तक ये राज़ अपने भीतर रखने के बाद उसका अंतर्मन उसे परेशान कर रहा था। वो अंदर ही अंदर काफी परेशान था और ये राज उसे खाए जा रहा था। दरअसल इसका मकान मालिक विलियम बिल ब्लॉजेट 2008 में गायब हो गया था। उसकी हत्या का अंदेशा था और टोली पेराल्टा संदिग्ध माना जा रहा था। लेकिन पेराल्टा के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला पाया।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।