नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना महामारी ने दुनियाभर में तबाही मचाई हुई है। कोरोना का प्रभाव केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ा है। कई लोग अवसाद के शिकार हो रहे हैं, इसी के साथ तनाव, बेचैनी और निराशा की समस्या भी बढ़ने लगी है। इसी बीच ये खबर सामने आई है कि किशोरों पर खासकर लड़कियों पर कोरोना का अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
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द लैंसेट साइकियाट्री में प्रकाशिक एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक 13 से लेकर 18 साल तक के किशोर किशोरियों पर कोरोना का गहरा असर देखा गया है। करीब 59 हजार लोगों पर किए गए अध्ययन में ये बात सामने आई कि इस महामारी ने लड़कियों के मानसिक स्वास्थ्य को अधिक प्रभावित किया है। रिसर्च में शामिल किशोरों से पूछा गया कि क्या वे फिलहाल किसी मादक पदार्थ का सेवन कर रहे हैं और कोरोना काल से पूर्व मादक पदार्थों का सेवन करते थे क्या। इन आंकड़ों की तुलना पहले की गई रिसर्च से की गई। शोध में पाया गया कि 15 से 18 साल के किशोरों में ई सिगरेट और अल्कोहल के प्रयोग में कमी आई है। इसकी एक वजह घर में क्वारेंटाइन रहना भी है। अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जान एलेग्रांटे के मुताबिक कोरोना काल में मादक पदार्थों के सेवन में कमी आना इस समय का एक अनपेक्षित लाभ है। लेकिन इसी के साथ ये बात भी सामने आई कि उनके मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति में भी गिरावट आई है। इसमें लड़कों की तुलना में लड़कियों की मेंटल हेल्थ को अधिक नुकसान पहुंचा है।