बेटी ने अपनी जीवित मां का अंतिम संस्कार किया, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Daughter performed last rites of her living mother : किसी अपने को खोने से बड़ा दुख कुछ नहीं। अक्सर हमने देखा है कि अपने करीबियों के अंतिम संस्कार में लोग हर वो चीज करने की कोशिश करते हैं, जिससे मन को शांति मिल सके। इसमें तमाम धार्मिक रीति रिवाज, सामाजिक रस्में और परंपराएं निभाई जाती हैं। इस प्रकार लोग ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनकी आखिरी विदाई ठीक से हो। लेकन क्या कभी आपने सोचा है कि किसी का अंतिम संस्कार जीते जी कर दिया जाए।

ऐसा ही कुछ हुआ ब्रिटेन में रहने वाली 85 साल की मिले मिलार्ड के साथ। उनकी 56 साल की बेटी ऐन-मैरी वोगंसन ने सारे धार्मिक रीति रिवाज के साथ अपनी जीवित और सेहतमंद मां का अंतिम संस्कार किया। दरअसर रहते हुए ऐन-मैरी वोगंसन ने कुछ समय पहले अपनी करीबी दोस्त को खो दिया था। उसके बाद उसे एहसास हुआ कि कई बार हम अपने नजदीकी लोगों को बता भी नहीं पाते कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं, न ही उनके जीवन की खास बातें जान पाते हैं। इसीलिए उन्होने तय किया कि वो अपनी मां के जीवित रहते हुए वो सारी रस्में निभा देंगी जो मृत्यु को बाद होती हैं। वो अपनी मां को बताना चाहती थीं कि उनके और बाकी सभी के लिए वो कितनी खास हैं।

मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार ऐन ने अपनी मां के लिए अंतिम संस्कार का आयोजन किया और ये कार्यक्रम असल में एक सेलिब्रेशन की तरह था। इसमें ऐन के पति मार्क फुरलोग और दो बच्चे भी शामिल हुए। इसी के साथ उनके दोस्त और रिश्तेदार भी इसमें सम्मिलित हुए। ऐन का कहना था कि उन्हें पता है उनकी मां एक दिन उनके साथ नहीं होंगीं। इससे पहले वो उन्हें बताना चाहती थी कि वो उनसे कितना प्यार करती हैं। इसी तरह उन्हें अपनी मां के बारे में भी वो छोटी छोटी बातें जानना थीं, जिसके बारे में पहले कभी सोचा भी नहीं था। ये अपने आप में बेहद अलग तरह का आयोजन था और इसमें काफी लोग शामिल हुए।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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