अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर पिछले कुछ सालों से काफी तनाव रहा है। दोनों देश एक-दूसरे के प्रोडक्ट्स पर भारी टैरिफ लगाते रहे हैं। अब ट्रंप ने 145% की जगह 80% टैरिफ का सुझाव दिया है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ी नरमी आ सकती है। ट्रंप का कहना है कि चीन को अमेरिका के लिए अपने बाजार खोलने चाहिए, तभी आगे कुछ बेहतर हो पाएगा।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि चीन पर 80% टैरिफ सही रहेगा। हालांकि ये मौजूदा 145% से कम है, लेकिन अभी भी सामान्य से काफी ज्यादा है। ये बयान ऐसे वक्त आया है जब अमेरिका और चीन के अधिकारी स्विट्जरलैंड के जिनेवा में एक बड़ी मीटिंग के लिए तैयार हो रहे हैं। वहां ट्रंप के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बी चीन के अफसरों से मिलेंगे। ट्रंप ने ये भी कहा कि चीन को अमेरिका के लिए अपना बाजार खोलना चाहिए, वरना अब पुराना तरीका नहीं चलेगा।

अमेरिका और यूके के बीच ट्रेड डील हुई
ट्रंप का ये बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में अमेरिका और यूके के बीच ट्रेड डील हुई है, जिसमें केवल 10% यूनिवर्सल टैरिफ लगाया गया है। ऐसे में 80% का प्रस्ताव काफी बड़ा माना जा रहा है। अमेरिका और चीन के बीच यह ट्रेड वॉर 2 अप्रैल से और तेज हो गया जब ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इसका मतलब ये था कि जितना टैक्स अमेरिका को किसी देश के सामान पर देना पड़ता है, उतना ही टैरिफ वो देश से आने वाले सामान पर भी लगाया जाएगा। चीन ने इसके जवाब में 125% टैरिफ का ऐलान किया, और अमेरिका ने 145%। हालांकि, बाद में अमेरिका ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को इस टैरिफ से बाहर रखने की बात भी कही थी।
टैरिफ का प्रस्ताव चुनावी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा
अब ट्रंप का ये नया प्रस्ताव इस बात की ओर इशारा करता है कि अमेरिका चीन से रिश्ते सुधारने के मूड में है या कम से कम बातचीत के दरवाजे खोलना चाहता है। ट्रंप का 80% टैरिफ का प्रस्ताव चुनावी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है। ट्रंप हमेशा से अमेरिका फर्स्ट की नीति पर काम करते रहे हैं। उन्होंने चीन पर यह आरोप लगाया है कि वह अमेरिकी बाजारों का फायदा उठा रहा है, जबकि अपना बाजार बंद रखता है। अगर अमेरिका चीन से आयात पर टैरिफ घटाता है, तो इससे अमेरिकी कंपनियों को थोड़ी राहत मिल सकती है और उपभोक्ताओं को भी कम दाम पर सामान मिल सकता है।