गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रंप गोल्ड कार्ड लॉन्च किया है। दरअसल, गोल्ड कार्ड एक नया वीजा रेजिडेंसी प्रोग्राम है। यह लंबे समय तक अमेरिका में रहने, काम करने और नागरिकता पाने का एक अच्छा विकल्प है। यह कार्ड खासतौर पर अमीरों, इन्वेस्टर्स, बिजनेसमैन या टैलेंटेड प्रोफेशनल्स के लिए बनाया गया है। इस कार्ड की कीमत 1 मिलियन डॉलर यानी लगभग 8.97 करोड़ रुपए रखी गई है। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इस कार्ड से सरकारी खजाना तेजी से भरेगा।
वहीं, ट्रंप गोल्ड कार्ड पाने के लिए कंपनियों को 2 मिलियन डॉलर चुकाने होंगे। इस फीस के अलावा एप्लिकेशन प्रोसेस के दौरान अलग से फीस देनी होगी। दरअसल, फीस के बदले आवेदक को अमेरिका में नागरिकता प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2025 में किया था ऐलान
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2025 में गोल्ड कार्ड नाम से एक नया वीजा प्रोग्राम शुरू करने का ऐलान किया था। लेकिन फरवरी में डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी कीमत 5 मिलियन डॉलर यानी 44 करोड़ भारतीय रुपए बताई थी। अब इसे लॉन्च कर दिया गया है और इसकी कीमत घटाकर 1 मिलियन डॉलर कर दी गई है। गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप ने कार्ड लॉन्च करते हुए कहा कि आज हम सभी के लिए खुशी की बात है कि हमने अभी-अभी ट्रंप गोल्ड कार्ड लॉन्च किया है। साइट लगभग 30 मिनट में लाइव हो जाएगी। कार्ड से मिलने वाला पूरा पैसा यूनाइटेड स्टेट्स सरकार के पास जाएगा। यह हमारे देश में किसी को लाने का एक तोहफा है और इससे सरकारी खजाने में भी अरबों डॉलर प्राप्त होंगे।
क्या ग्रीन कार्ड जैसे ही राइट्स मिलेंगे?
जानकारी के अनुसार, अमेरिका में मिलने वाला यह गोल्ड कार्ड नागरिकों को ग्रीन कार्ड जैसे ही राइट्स देने वाला है। जिस प्रकार अमेरिका में स्थाई तौर पर रहने के लिए ग्रीन कार्ड की जरूरत पड़ती है, वैसे ही गोल्ड वीजा कार्ड भी यही काम करेगा। अमेरिका में इसके लिए पांच तरह के वीजा प्रोग्राम हैं, लेकिन सबसे बेहतर प्रोग्राम EB-5 माना जाता है, जिसमें व्यक्ति किसी रोजगार देने वाले नियोक्ता से नहीं बंधा होता। यह वीजा धारक अमेरिका में कहीं भी रहकर काम या पढ़ाई कर सकता है, लेकिन इसे हासिल करने में 4 से 6 महीने का समय लगता है। दरअसल, इसका मकसद भी विदेशी निवेश हासिल करना होता है।





