एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को लेकर बड़ा बयान दिया है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका भारत से आने वाले चावल और कनाडा से आने वाली खाद पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का विचार कर रहा है। भारत पर टैरिफ लगाने का कारण भारत द्वारा अमेरिका में सस्ता चावल बेचना है। ट्रंप ने कहा कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देश अमेरिका में बहुत सस्ता चावल दे रहे हैं, जिससे अमेरिकी किसानों की कमाई कम हो रही है।
जानकारी दें कि साल 2025 में भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर देखने को मिला था और यही कारण था कि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील में भी देरी देखी गई। अब एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप ने इस टैरिफ वॉर को मुद्दा बना दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में यह बयान दिया है।
डंपिंग नहीं होनी चाहिए: डोनाल्ड ट्रंप
दरअसल सोमवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप द्वारा किसानों के लिए नई आर्थिक मदद की घोषणा की जा रही थी। इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों द्वारा अमेरिका को बेचे जा रहे सस्ते चावल को डंपिंग करार दिया है। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए। हालांकि इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने वित्त मंत्री से यह भी पूछा कि क्या अमेरिका की ओर से भारत को चावल के मामले में किसी तरह की छूट दी गई है। इस पर वित्त मंत्री का कहना है कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता फिलहाल चल रहा है और अभी तक तय नहीं हुआ है।
जानिए क्या होता है डंपिंग?
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि जरूरत पड़ने पर अमेरिका कनाडा से आने वाली खाद पर भी टैरिफ लगा सकता है। बता दें कि अमेरिका बड़ी मात्रा में कनाडा से खाद लेता है। अब डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अगर वह सस्ते दामों पर अमेरिका में खाद बेचता है तो टैरिफ लगाया जाएगा। हालांकि फिलहाल यह व्यापार समझौते के अंतर्गत आता है। जब भी कोई देश अपनी चीज दूसरे देश में कम दाम पर बेचता है तो उसे डंपिंग कहते हैं और डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इस डंपिंग से अमेरिका के किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि दूसरे देश चीजें इतने कम दाम में बेच रहे हैं, जिन दामों पर स्थानीय किसान अपना प्रोडक्ट नहीं बेच पा रहे हैं। यही कारण है कि अब अमेरिका भारत के चावल पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने का विचार कर रहा है, जिससे भारत से अमेरिका जाने वाला चावल और महंगा हो जाएगा। इससे उन किसानों पर भी असर पड़ेगा जो भारत से अमेरिका चावल भेजते हैं।





