अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को लेकर सख्त रुख दिखाया है। इस बार उनका निशाना बना है टेक जायंट Apple। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि अमेरिका में बिकने वाले iPhone, भारत या किसी अन्य देश में नहीं, बल्कि अमेरिका में ही बनने चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो Apple को भारी टैरिफ यानी आयात शुल्क देना होगा। ये बयान ऐसे समय आया है जब Apple भारत में बड़े स्तर पर iPhone मैन्युफैक्चरिंग बढ़ा रहा है।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा कि अमेरिका को आत्मनिर्भर बनाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने Apple CEO टिम कुक को चेतावनी दी कि भारत या चीन में iPhone बनाना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ट्रंप का कहना है कि अगर Apple ऐसा करता है तो उसे कम से कम 25% टैरिफ देना होगा।

अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की वकालत
ट्रंप पहले भी अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की वकालत कर चुके हैं। 2020 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने कई कंपनियों को चीन छोड़कर अमेरिका में फैक्ट्री लगाने को कहा था। अब उनके नए बयान से साफ है कि वे फिर से चुनावी मोड में हैं और ‘मेक इन अमेरिका’ को बड़ी चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। Apple ने भारत को iPhone मैन्युफैक्चरिंग का एक बड़ा हब बना लिया है। कंपनी की साझेदार फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स तमिलनाडु और कर्नाटक में प्लांट्स चला रहे हैं।
31 लाख iPhone अमेरिका एक्सपोर्ट हुए
मार्च 2024 तक भारत से करीब 31 लाख iPhone अमेरिका एक्सपोर्ट हुए, और पिछले वित्त वर्ष में कुल ₹1.5 लाख करोड़ के iPhone विदेशों में भेजे गए। भारत को इससे न सिर्फ एक्सपोर्ट कमाई हो रही है, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी मिला है। अगर अमेरिका आयात शुल्क बढ़ाता है, तो इससे भारत के लिए दोहरी चुनौती खड़ी हो सकती है एक तो iPhone की मांग घटेगी, दूसरी ओर कंपनियां उत्पादन घटा सकती हैं। ट्रंप का दावा भले ही अमेरिका फर्स्ट की सोच को दिखाता हो, लेकिन हकीकत ये है कि अमेरिका में iPhone बनाना महंगा सौदा है। भारत और चीन जैसे देशों में सस्ती और स्किल्ड लेबर, सप्लाई चेन की आसान उपलब्धता, और तेजी से उत्पादन की सुविधा Apple को यहां बनाए रखने के लिए मजबूर करती है।