Afghanistan: भूकंप के झटकों से अफगानिस्तान में मची तबाही, कई मकान हुए क्षतिग्रस्त

Shashank Baranwal
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Afghanistan Earthquake

Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में शनिवार को भूकंप के झटकों ने तबाही मचा दी है। लगातार भूकंप के झटकों से लगभग 320 से ज्यादा लोगों के मौत के साथ कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। भूकंप की तीव्रता 6.3 दर्ज की गई। अफगानिस्तान के आपदा प्रबन्धन टीम के प्रवक्ता मोहम्मद अबदुल्ला जान ने कहा कि भूकंप की ज़द में आकर कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। जिसके नीचे कई लोगों के फंसे हुए होने की खबर है। वहीं भूकंप का केंद्र बिंदु हेरात शहर से 40 किमीं दूर उत्तर पश्चिम में था।

घरों से निकलकर सड़क पर भागे लोग

लगातार भूकंप आने से सैकड़ो स्थानीय लोग अपने अपने मकानों, दफ्तरों और दुकानों से बाहर निकलकर सड़क पर आ गए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफगानिस्तान के फराह और बदघिस प्रांत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

भूकंप के पांच झटके किए गए महसूस

जानकारी के मुताबिक हेरात शहर के स्थानीय निवासियों का कहना है कि भूंकप के पांच झटके महसूस किए गए। वहीं भूकंप के आने के बाद सभी लोग अपने घरो, दुकानों और कार्यालयों से बाहर आ गए। वहीं अभी और ज्यादा तीव्रता के भूकंप आने की आशंका जताई जा रही है।

2022 को जून महीने में भी आया था खतरनाक भूकंप

आपको बता दें साल 2022 के जून महीने में पूर्वी अफगानिस्तान में भूकंप आया था। जो कि दो दशकों का सबसे खतरनाक भूकंप था। जिसमें हाजारो की संख्या में लोगों के मौत और घायल होने की खबर सामने आई थी। इस भूकंप में भी कई लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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