बुधवार सुबह, भारतीय समयानुसार सुबह 4:54 पर रूस में भयानक भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 8.7 मापी गई। यह भूकंप रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास आया है। वहीं, न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के मुताबिक कामचटका में 4 मीटर तक ऊंची सुनामी देखने को मिली है। सुनामी के कारण कई इमारतों को नुकसान हुआ है। सोशल मीडिया पर भूकंप के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में देखा जा सकता है कि भूकंप कितना शक्तिशाली था।
वहीं इस भूकंप को लेकर कामचटका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने इस भूकंप को दशकों का सबसे अधिक शक्तिशाली भूकंप बताया है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि इस भूकंप से किंडरगार्टन को नुकसान हुआ है।
जापान में भी दिखाई दिया असर
रूस में आए इस भूकंप का केंद्र जमीन से 19.3 किलोमीटर की गहराई में बताया गया है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने भूकंप के केंद्र की पुष्टि की है। हालांकि, अब तक इस भूकंप से नुकसान की पूरी सूचना सामने नहीं आई है। इस भूकंप का असर न सिर्फ रूस में, बल्कि जापान में भी दिखाई दिया है। यह भूकंप जापान के चार बड़े द्वीपों में से एक, सबसे उत्तरी द्वीप होक्काइदो से करीब 250 किलोमीटर दूर था। हालांकि, यहां भूकंप के झटके बिल्कुल हल्के महसूस किए गए। कामचटका के सेवेरो कुरील्स्क शहर में भारी नुकसान देखने को मिला है। यहां बंदरगाह और मछली पकड़ने की बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ है।
जापान में परमाणु रिएक्टर को भी खाली कर लिया गया
इसके बाद जैसे ही सुनामी की चेतावनी जारी की गई, जापान में परमाणु रिएक्टर को भी खाली कर लिया गया है। दरअसल, फुकुशिमा परमाणु रिएक्टर को खाली करने के आदेश दिए गए हैं। इतना ही नहीं, कैलिफोर्निया के तटीय क्षेत्रों में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। इन 30 इलाकों में लगभग दोपहर 12:20 तक लहरें पहुंच सकती हैं। इस तट पर कई बड़ी लहरें पहुंचने की आशंका है, जो 10 से 36 घंटे तक दिखाई दे सकती हैं। जापान में एक फीट ऊंची सुनामी लहरें देखने को मिली हैं। इसकी पुष्टि जापान के टीवी न्यूज़ चैनल एनएचके ने की है। पिछले एक महीने में कामचटका में पांच बड़े भूकंप आ चुके हैं। हालांकि, अब तक एक महीने में आए भूकंपों में यह भूकंप सबसे बड़ा है।





