शनिवार को अलास्का और कनाडा के युकॉन बॉर्डर पर 7.0 की तीव्रता का भूकंप आया। गनीमत रही कि इस जोरदार भूकंप के बाद भी सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई है और किसी भी तरह के बड़े नुकसान की जानकारी भी अब तक नहीं मिली है। अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वे के मुताबिक यह भूकंप अलास्का से लगभग 370 किलोमीटर दूर और युकॉन के व्हाइटहॉर्स से लगभग ढाई सौ किलोमीटर दूर पश्चिम में आया है।
अलास्का में आया यह भूकंप बहुत ज्यादा तीव्रता वाला था, जिसके झटके दूर-दूर तक महसूस किए गए। जानकारी के मुताबिक अमेरिका से लेकर कनाडा तक की धरती पर भूकंप के झटके महसूस हुए, जिसके चलते कई लोग डर कर अपने घरों से बाहर निकल आए।
50 से ज्यादा आफ्टरशॉक्स आ चुके हैं
भूकंप भारतीय समय अनुसार रविवार, 7 दिसंबर को तड़के 2 बजकर 11 मिनट पर आया। भूकंप की पुष्टि यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे द्वारा की गई। हबार्ड ग्लेशियर क्षेत्र अमेरिका के अलास्का में रैंगल सेंट एलियास राष्ट्रीय उद्यान और संरक्षित क्षेत्र तथा कनाडा के युकॉन में क्लुआने राष्ट्रीय उद्यान और रिजर्व में स्थित है। दरअसल, हबार्ड ग्लेशियर में आए भूकंप की वजह से अब तक अलास्का में 50 से ज्यादा आफ्टरशॉक्स आ चुके हैं। हालांकि अलास्का भूकंप के लिहाज से क्रिटिकल ज़ोन माना जाता है और यहां आए दिन भूकंप आते रहते हैं। अमेरिका में सबसे ज्यादा भूकंप इसी राज्य में आते हैं।
कैसे आता है भूकंप?
जानकारी के मुताबिक इस भूकंप से ज्यादा नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है, हालांकि कुछ घरों में मामूली नुकसान हुआ है। दरअसल भूकंप का आधार पृथ्वी की कोर या ऊपरी गर्म वायुमंडल से संबंधित होता है। जब पृथ्वी की कोर में दबाव बढ़ने लगता है, तो यह भूकंप का कारण बन जाता है। वहीं भूकंप के कारण लिथोस्फियर का दबाव बढ़ता है, जिससे ऊपरी गर्म वायुमंडल में अचानक परिवर्तन होता है और तापमान में कमी आने लगती है। इससे पृथ्वी की स्थिरता में असंतुलन होता है और हलचल मचने लगती है। इसी हलचल को ही हम भूकंप कहते हैं।





