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Sun, Dec 21, 2025

दुनिया का पहला ATM, जब मशीन को नोट उगलते देख लोग हो गए थे हैरान! इस शख्स ने निकाले थे पैसे

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
एटीएम का उपयोग करने के लिए आपके पास डेबिट या ATM कार्ड होना चाहिए, जो बैंक द्वारा इशू किया जाता है। इस कार्ड को मशीन के अंदर डालने के बाद ग्राहक को 4 डिजिट का पिन कोड डालना पड़ता है।
दुनिया का पहला ATM, जब मशीन को नोट उगलते देख लोग हो गए थे हैरान! इस शख्स ने निकाले थे पैसे

ATM यानी ऑटोमेटिक टेलर मशीन, जिसका बैंक के ग्राहकों द्वारा पैसे निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक ऐसी मशीन है, जहां बिना किसी बैंक कर्मचारियों की मदद लिए बगैर पैसे निकाले जा सकते हैं, बैलेंस चेक कर सकते हैं, मिनी स्टेटमेंट प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, कई अन्य सुविधाएं भी एटीएम में मिलती हैं। 24 घंटे ग्राहकों की सेवा में उपलब्ध यह मशीन भारत में नोटबंदी के दौरान लोगों की काफी मदद की थी। 8 नवंबर 2016 की रात जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की, तब शहर के हर एक एटीएम के बाहर लोगों की लंबी भीड़ देखने को मिली थी।

हालांकि, डिजिटल पेमेंट के इस दौर में भले ही एटीएम की जरूरत कम हो गई हो, लेकिन आज भी लोग ऐसे कारोबार बड़ी संख्या में करते हैं।

दुनिया का पहला ATM

सबसे पहले तो हम आपको यह बता दें कि एटीएम का उपयोग करने के लिए आपके पास डेबिट या ATM कार्ड होना चाहिए, जो बैंक द्वारा इशू किया जाता है। इस कार्ड को मशीन के अंदर डालने के बाद ग्राहक को 4 डिजिट का पिन कोड डालना पड़ता है। तभी यह मशीन अपने ग्राहकों को किसी भी सेवा का इस्तेमाल करने की इजाजत देती है। हालांकि, आज हम आपको एटीएम मशीन का इस्तेमाल करना या फिर उससे जुड़ी अन्य सेवाओं के बारे में विस्तारपूर्वक नहीं बताएंगे, बल्कि आपको दुनिया के पहले एटीएम के बारे में बताएंगे, जिसके आविष्कार की कहानी काफी ज्यादा दिलचस्प है। इसे जानना सामान्य ज्ञान के लिहाज से भी जरूरी है। कई बार ऐसे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछ लिए जाते हैं।

लंदन (London)

दरअसल, दुनिया का पहला एटीएम लंदन के एनफील्ड इलाके में शुरू किया गया था। आज से करीब 58 साल पहले यानी 27 जून 1967 को पहला एटीएम बार्कलेज बैंक की ब्रांच के बाहर लगा था। उस वक्त मशीन को नोट उगलते हुए देखकर लोगों को यकीन नहीं हो रहा था। दुनिया के पहले एटीएम से ब्रिटिश एक्टर रेग वर्णय ने पैसे निकाले थे, जिसके आविष्कारक जॉन शेफर्ड-बैरोन माने जाते हैं।

दिलचस्प है इतिहास

एटीएम के आविष्कार के पीछे काफी मजेदार स्टोरी है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, जब भी जॉन शेफर्ड-बैरोन बैंक में पैसे निकालने जाते थे, तो वहां ग्राहकों की पहले से ही काफी लंबी लाइन लगी हुआ करती थी। घंटे खड़े रहने के बाद उनका नंबर आता था। वहीं, शनिवार और रविवार के दिन बैंक हॉलिडे होने के कारण पैसे निकालने में दिक्कत होती थी। ऐसे में उनके दिमाग में नहाते वक्त यह आइडिया आया कि अगर चॉकलेट वेंडिंग मशीन से चॉकलेट निकल सकती है, तो क्यों न ऐसी मशीन बनाई जाए, जो कि नोटों की बौछार कर सके। बस फिर क्या था, उन्होंने अपने इस आइडिया पर काम किया और आज दुनिया के हर एक देश में कस्टमर इस सुविधा का लाभ उठाते हैं। पिछले 5 दशकों में काफी ज्यादा बदलाव किए जा चुके हैं।

भारत का पहला ATM

वहीं, भारत की बात करें, तो यहां पहला एटीएम 1987 में शुरू हुआ था, जब मुंबई में एचएसबीसी यानी हांगकांग और शंघाई बैंक कॉर्पोरेशन ने मुंबई की ब्रांच में एटीएम मशीन लगवाई थी। आरबीआई के अनुसार, सितंबर 2020 तक 2,34,244 एटीएम मशीनें लगाई जा चुकी हैं।