BREAKING : जापान के उत्तरी क्षेत्र में सोमवार शाम एक शक्तिशाली भूकंप ने धरती हिला दी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.6 मापी गई है। इस भीषण झटके के बाद प्रशासन ने तुरंत हरकत में आते हुए तटीय इलाकों के लिए सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया है। यह भूकंप होक्काइडो क्षेत्र में महसूस किया गया, जिससे लोगों में दहशत फैल गई।
प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, भूकंप सोमवार (8 दिसंबर) को स्थानीय समय के मुताबिक शाम 7 बजकर 45 मिनट पर आया। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) की रिपोर्ट बताती है कि भूकंप का केंद्र होक्काइडो के तट के पास 41°N अक्षांश और 142.3°E देशांतर पर स्थित था। इसका उद्गम स्थल जमीन से करीब 32 मील (लगभग 51 किलोमीटर) की गहराई में था।
सुनामी का खतरा और प्रशासन की तैयारी
भूकंप की तीव्रता को देखते हुए अधिकारियों ने तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। सुनामी की चेतावनी जारी होने के बाद आपातकालीन सेवाएं अलर्ट मोड पर हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान या परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में किसी समस्या की तत्काल कोई खबर नहीं मिली है। प्रशासन स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।
Very large earthquake about 25 minutes ago in Japan; off northeast coast of Honshu. Tsunami warning and some reports of tsunami. My daughter in north Tokyo felt it very strongly. pic.twitter.com/Stj0cPuVrJ
— Denise Van Patten (@DeeVP) December 8, 2025
Just had quite an earthquake jolt here in Tokyo and the tv shows a tsunami warning for northern Japan
Strange loooooong slowmo shake that still felt lightly pic.twitter.com/NlwmbmDsh7
— Deconstruct (@spydenator) December 8, 2025
नवंबर में भी कांपा था जापान
जापान में भूकंप की यह घटना कोई नई नहीं है। इससे पहले 9 नवंबर को भी उत्तरी जापान में तेज भूकंप आया था। उस समय रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.9 मापी गई थी। यह भूकंप इवाते प्रान्त (Iwate prefecture) के तट पर शाम 5:03 बजे आया था, जिसका केंद्र लगभग 20 किलोमीटर की गहराई में था।
उस घटना के दौरान भी प्रशासन ने सुनामी की एडवाइजरी जारी की थी। मौसम एजेंसी ने 1 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की आशंका जताई थी, जबकि कुछ पूर्वानुमानों में 3 मीटर तक की लहरों की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, बाद में ओफुनारो, मियाको और कामाइशी जैसे क्षेत्रों में 10 से 20 सेंटीमीटर की छोटी सुनामी लहरें ही दर्ज की गईं। कुछ घंटों बाद एडवाइजरी वापस ले ली गई थी, लेकिन कई दिनों तक आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) महसूस किए गए थे।
‘रिंग ऑफ फायर’ का खतरा
जापान भौगोलिक रूप से प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ (Ring of Fire) क्षेत्र में स्थित है। यह दुनिया का सबसे अधिक भूकंप संभावित क्षेत्र माना जाता है। यहां टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने के कारण अक्सर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी घटनाएं होती रहती हैं। यही वजह है कि जापान में भूकंप रोधी तकनीक और आपदा प्रबंधन पर इतना जोर दिया जाता है। फिलहाल होक्काइडो में आए इस ताजा भूकंप के बाद राहत और बचाव एजेंसियां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।





