जापान के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में मौजूद नानकाई ट्रफ इलाके में आने वाले ‘मेगाक्वेक’ को लेकर देश में खौफ का माहौल है। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि अगले 30 सालों में यहां 8 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है। इसी खतरे को देखते हुए जापान सरकार ने एक नई आपदा प्रबंधन योजना तैयार की है, ताकि जानमाल के नुकसान को कम किया जा सके। इस योजना में निकासी स्थलों को मजबूत करना, सुरक्षित आवास निर्माण और राहत कार्यों की गति बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
दरअसल नानकाई ट्रफ जापान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से के नीचे मौजूद एक 800 किलोमीटर लंबी समुद्री खाई है, जहां फिलीपीन सागर प्लेट जापान की यूरेशियन प्लेट के नीचे धकेली जा रही है। यही प्लेट टकराव आने वाले मेगाथ्रस्ट भूकंपों का कारण बनती है।
तीव्रता के साथ सुनामी का भी डर
जानकारी के अनुसार ये भूकंप बहुत तेज होते हैं, जिनकी तीव्रता 8 या उससे ज्यादा होती है। वहीं इतिहास बताता है कि इस क्षेत्र में 90 से 200 साल के अंतराल में भयंकर भूकंप आते रहे हैं। बता दें कि 1944 और 1946 में आए टोननकाई और नानकैडो भूकंपों ने जापान में भारी तबाही मचाई थी। इस बार भी वैसा ही खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में मार्च 2025 तक इस क्षेत्र में संभावित भूकंप के साथ-साथ भयंकर सुनामी आने की चेतावनी दी गई है। जानकारों का मानना है कि यह सुनामी 2011 में तोहोकू में आई विनाशकारी सुनामी से भी बड़ी हो सकती है।
करीब 3 लाख लोगों की जान को खतरा
दरअसल जापान सरकार ने समुद्र किनारे तटबंधों को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है और निकासी व्यवस्था को तेज किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस मेगाक्वेक की स्थिति में करीब 3 लाख लोगों की जान जा सकती है और अरबों डॉलर की संपत्ति नष्ट हो सकती है। यही वजह है कि जापान अब हर स्तर पर तैयारी कर रहा है, ताकि जान बचाई जा सके।
भविष्यवाणी ने बढ़ाई चिंता, लोगों में दहशत
वहीं भूकंप की चेतावनी को लेकर सिर्फ वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि भविष्यवक्ता भी अलर्ट कर चुके हैं। जापान की ‘बाबा वेंगा’ कहलाने वाली रियो तात्सुकी ने 1999 में ही भविष्यवाणी की थी कि 2025 में जापान और फिलीपींस के बीच समुद्र तल में दरार खुलेगी और उससे भीषण सुनामी उठेगी। इन आशंकाओं ने आम लोगों में डर बढ़ा दिया है। हालात को देखते हुए जापान की सरकार और आम नागरिक दोनों अलर्ट मोड में हैं।





