दुनिया का इकलौता देश, जो सिर्फ दान से है चलता!

पिछले कई आर्टिकल में हम आपको दुनिया के अलग-अलग देशों से रूबरू करवा चुके हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं, जो केवल दान से चलता है।

दुनिया में सभी देश अलग-अलग महत्व और विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। कुछ अपने क्षेत्रफल को लेकर विख्यात है, तो कुछ टूरिज्म को लेकर जाने जाते हैं। कुछ ऐसे भी देश है, जो कि खुशहाल हैं, तो कुछ ऐसे भी है जो अनहैप्पीनेस के लिए जाने जाते हैं। हर देश का अपना अलग-अलग नियम और कानून होता है। जैसे वहां के लोग जरूर मानते हैं। इनमें से कुछ देश ऐसे हैं, जो लोगों के बीच फेमस है। तो कुछ ऐसे भी देश है, जिनके बारे में लगभग 90% लोग नहीं जानते हैं।

पिछले कई आर्टिकल में हम आपको दुनिया के अलग-अलग देशों से रूबरू करवा चुके हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं, जो केवल दान से चलता है।

दान से चलता है ये देश

जी हां! आपको यह जानकर हैरानी होगी लेकिन यह बिल्कुल सच है। यह एक ऐसा देश है, जो लोगों द्वारा दान देने से चलता है। इस देश के लोग ना तो टैक्स देते हैं और ना ही कोई बॉन्ड जारी करते हैं। अपनी सरकार और करेंसी होने के बावजूद यह देश अपने नागरिकों के भरण-पोषण के लिए दान पर निर्भर है।

वेटिकन सिटी (Vatican City)

दरअसल, इस देश का नाम वेटिकन सिटी है, जो कि दुनिया का सबसे छोटा देश है। वैसे तो यह देश इटली की राजधानी रोम के अंदर आता है, लेकिन यह पूरी तरह से आजाद है। जनसंख्या की बात करें, तो यह करीब 800 के आसपास है। यहां रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म के सभी धर्मगुरु रहते हैं। इस देश की स्थापना 11 फरवरी 1929 में किया गया था। क्षेत्रफल की बात करें, तो यह मात्र 0.49 वर्ग किलोमीटर है।

वजह

फिलहाल, यह देश बजट की बड़ी समस्या से जूझ रहा है। रोबोट कैथोलिक चर्च और वेटिकन सिटी की केंद्रीय प्रशासनिक संस्था होली सी ने बताया कि साल 2021 में उसकी आमदनी 87.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर थी, लेकिन खर्च इससे ज्यादा था। ऐसे में यह देश अपने नागरिक को पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगाता। यहां की सरकार दान से चलती है। कोई भी इस देश को दान दे सकता है।

इनकम

वेटिकन सरकार को संग्रहालय की टिकट बिक्री, निवेश और रियल स्टेट के माध्यम से कुछ आमदनी होती है। इसके अलावा, देश के पास इनकम के दो मुख्य सोर्स हैं। पहला- कैनन कानून के अनुसार दुनिया भर के बिशपों को वार्षिक शुल्क का भुगतान करना, तो वहीं दूसरा पीटर पेंस है, जहां अमेरिका से हर साल 2.7 करोड डॉलर की इनकम होती है।

दुनिया का सबसे छोटा रेलवे स्टेशन

दुनिया का सबसे छोटा देश होने के साथ ही यहां का रेलवे स्टेशन भी सबसे छोटा है, जहां केवल दो ट्रैक है। इसकी लंबाई मात्र 300 मीटर है और एक स्टेशन है, जिसका नाम सिट्टा वेटिकनो है। इसका उपयोग केवल माल परिवहन के लिए किया जाता है। यहां लोगों के लिए ट्रेन नहीं चलाई जाती है।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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