पाकिस्‍तान में बलूच विद्रोहियों ने ट्रेन को हाईजैक किया, अंधाधुंध फायरिंग की, 450 से ज्यादा यात्रियों को बनाया बंधक

बता दें , बलूचिस्तान में अलगाववादी संगठन बीएलए और पाकिस्तान सरकार के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है, ट्रेन हाईजैक की ये घटना इस संघर्ष के तेज होने का इशारा करती है। बीएलए लंबे समय से इस क्षेत्र में स्वतंत्रता की मांग कर रहा है।

Atul Saxena
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Pakistan Jaffar Express train hijacked in Balochistan : पाकिस्तान से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है  पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आज मंगलवार को एक यात्री ट्रेन जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया गया है। इस ट्रेन में  450 से ज्यादा यात्री सवार हैं। ट्रेन पर अंधाधुंध फायरिंग की भी खबर है उधर इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान के अलगाववादी गुट बीएलए ने ली ही गुट ने एक बयान जारी कर ट्रेन पर कब्जा करने का दावा किया है।

पाकिस्तान में बलूच विद्रोहियों ने दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में एक यात्री ट्रेन जाफर एक्स्प्रेस पर गोलीबारी की,  गोलीबारी में ट्रेन का चालक गंभीर रुप से घायल हो गया। ट्रेन पर हमला उस समय हुआ जब वो पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी।

यात्रियों से संपर्क के प्रयास जारी 

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रेन में करीब 450 से ज्यादा यात्री और रेलवे स्टाफ सवार थे। उन्होंने कहा कि ट्रेन को सुरंग संख्या 8 में हथियारबंद लोगों ने रोक लिया। यात्रियों और कर्मचारियों से संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक कोई संपर्क नहं हो सका है।

बीएलए ने हमले की जिम्मेदारी

उधर अधिकारियों ने एक बयान में बताया कि उग्रवादी अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने जाफर  एक्सप्रेस पर हमले की जिम्मेदारी ली है और कहा कि उन्होंने सुरक्षा बलों सहित ट्रेन से लोगों को बंधक बना लिया है,  घटनास्थल की तरफ सुरक्षा बलों को भेजा गया है और जांच की जा रही है। हालाँकि पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार की ओर से अभी तक कोई बयान इस संबंध में नहीं आया है और ना ही पाकिस्तानी सेना ने इस संबंध में अभी कोई बयान जारी किया है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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