भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। गोल मटोल प्यारे प्यारे पांडा (panda) भला किसे पसंद नहीं होंगे। वैसे तो ये मूल रुप से चीन के निवासी है लेकिन अब कई और देशों में भी दिख जाते हैं। चीन में इन्हें शांति का प्रतीक माना जाता है। ये भालू की प्रजाति के होते हैं और उन्हीं की तरह विशाल भी। लेकिन ये भालू की तरह हिंसक नहीं होते और अगर किसी इंसान के संपर्क में आ जाएं तो उसे बेहद प्यार करने लगते हैं।
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एक रिसर्च के मुताबिक अब दुनियाभर में लगभग 2250 पांडा बचे हैं। इसीलिए अलग अलग स्थानों पर इनके संरक्षण का काम हो रहा है। ये भी ताज्जुब की बात है कि 150 से 200 किलो वाले पांडा का जन्म के समय वजन सिर्फ 150 ग्राम ही होता है। इनकी आयु 20-30 साल होती है। हालांकि कुछ पांडा इससे ज्यादा अवधि तक भी जीते हैं। इसे आमतौर पर एक आलसी प्राणी माना जाता है। इसका अधिकांश समय खाने और सोने में व्यतीत होता है। हालांकि ये तैरना और पेड़ पर चढ़ना दोनों ही जानते हैं।