पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा 2025: व्यापार, रक्षा और रणनीतिक संबंधों में नया मोड़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 13 फरवरी 2025 को होने वाली अमेरिका यात्रा भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने का सुनहरा अवसर है। यह यात्रा खास तौर पर व्यापारिक मुद्दों, रणनीतिक सहयोग और प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा जैसे अहम बिंदुओं पर केंद्रित होगी।

Pratik Chourdia
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  1. भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा – व्यापार, रक्षा और आव्रजन जैसे प्रमुख मुद्दों पर होगी चर्चा।
  2. व्यापार शुल्क विवाद पर बातचीत – भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी स्टील और एल्युमिनियम शुल्क का असर कम करने की कोशिश।
  3. भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा – अमेरिका में बसे 7.25 लाख भारतीयों में से 20,000 को प्रत्यावर्तन से बचाने की मांग।
  4. रक्षा और साइबर सुरक्षा सहयोग – उन्नत हथियार प्रणाली और साइबर सुरक्षा पर भारत-अमेरिका के बीच नए समझौतों की उम्मीद।
  5. ऊर्जा आपूर्ति में बड़ा सहयोग – अमेरिका से LNG आपूर्ति और ऊर्जा क्षेत्र में भारतीय निवेश को बढ़ावा।
  6. चीन के संदर्भ में रणनीतिक संतुलन – चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत-अमेरिका साझेदारी पर जोर।
  7. व्यक्तिगत संबंधों की भूमिका – पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंधों से वार्ता को गति।
  8. भारतीय स्टार्टअप्स और निवेश अवसरों पर चर्चा – तकनीकी क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते खुलने की संभावना।

PM Modi’s US Visit :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2025 की अमेरिका यात्रा भारत-अमेरिका के बीच व्यापार, आव्रजन, और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस यात्रा में व्यापार शुल्क में कमी, रक्षा समझौते, भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। दोनों देशों के बीच संबंधों को नई दिशा देने के लिए यह दौरा ऐतिहासिक साबित हो सकता है।

पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंध इस यात्रा की सफलता में अहम भूमिका निभाएंगे। 2019 में ह्यूस्टन के Howdy Modi कार्यक्रम और 2020 में अहमदाबाद में Namaste Trump जैसी मुलाकातों ने दोनों नेताओं के बीच विश्वास को और गहरा किया है।

इस यात्रा में दोनों नेताओं की चर्चा मुख्य रूप से व्यापार, आव्रजन, ऊर्जा आपूर्ति और चीन पर केंद्रित होगी।

व्यापार और शुल्क विवाद

दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की संभावना

राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में स्टील और एल्युमिनियम पर 25% आयात शुल्क लगाया है, जिससे भारतीय कंपनियों को चिंता हो रही है। भारतीय पक्ष का उद्देश्य इस यात्रा के दौरान शुल्क में कमी और दोनों देशों के लिए लाभकारी व्यापार समझौता करना है।

इसके लिए भारत ने पहले ही हाई-एंड मोटरसाइकिल और इलेक्ट्रिक बैटरियों पर शुल्क घटाकर सकारात्मक संकेत दिया है। ऊर्जा आपूर्ति के क्षेत्र में भी भारत और अमेरिका के बीच नए समझौतों की घोषणा की संभावना है।

आव्रजन और भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा

प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और अधिकारों पर बातचीत

अमेरिका में बसे भारतीय प्रवासियों के लिए यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। हाल ही में 104 भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से वापस भेजा गया है, और 800 अन्य को भी प्रत्यावर्तित किया जा सकता है। भारत इस प्रक्रिया में मानवीय व्यवहार और निष्पक्षता की मांग कर रहा है।

इसके अलावा, कानूनी रूप से अमेरिका में पढ़ाई, काम और पर्यटन के लिए आने वाले भारतीयों के लिए रास्ता सुगम बनाने की दिशा में भी बातचीत होगी।

रक्षा और रणनीतिक सहयोग

चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत-अमेरिका सहयोग पर चर्चा

भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी चीन के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो जाती है। अमेरिका, चीन को एक रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानता है, जबकि भारत को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में देखता है।

इस यात्रा के दौरान रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, उन्नत हथियार प्रणाली और साइबर सुरक्षा सहयोग पर भी बातचीत हो सकती है। भारतीय कंपनियां अमेरिकी ऊर्जा आपूर्ति पर समझौते के लिए भी चर्चा करेंगी।

ऊर्जा आपूर्ति और निवेश के नए अवसर

भारतीय ऊर्जा कंपनियों के लिए अवसर

अमेरिका भारत को ऊर्जा आपूर्ति के क्षेत्र में एक प्रमुख साझेदार के रूप में देखता है। एलएनजी (Liquefied Natural Gas) की आपूर्ति बढ़ाने पर दोनों देशों के बीच समझौता होने की संभावना है।

पीएम मोदी की यह अमेरिका यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों में नए युग की शुरुआत कर सकती है। यह यात्रा न केवल व्यापार और रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि आव्रजन और भारतीय प्रवासियों की समस्याओं के समाधान का भी मार्ग प्रशस्त करेगी।


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CTO & Digital Head of MP Breaking News

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