S-400 ने अपनी ताकत से सबको हैरान किया, लेकिन अब रूस का S-500 प्रोमेथियस चर्चा का केंद्र है। ये सिस्टम विमान, ड्रोन, और मिसाइलों को तो निशाना बनाता ही है, साथ ही हाइपरसोनिक मिसाइल और सैटेलाइट्स को भी हवा में खत्म कर देता है। 600 किमी की रेंज और सिर्फ़ 3-4 सेकंड का रिएक्शन टाइम इसे दुनिया के सबसे एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स में से एक बनाता है। इसे S-400 का बड़ा भाई और अमेरिका के THAAD से बेहतर माना जा रहा है।
भारत जैसे देशों के लिए S-500 की अहमियत बड़ रही है, क्योंकि रूस ने इसके प्रोडक्शन में पार्टनरशिप का ऑफर दिया है। S-400 पहले से भारत की डिफेंस को मज़बूती दे रहा है, लेकिन S-500 की ताकत इसे अगले लेवल पर ले जा सकती है। अगर आप डिफेंस टेक्नोलॉजी के शौकीन हैं, तो S-500 की खासियतें, S-400 से तुलना, और THAAD पर इसकी बढ़त की डिटेल्स आपको मज़ेदार लगेंगी। आइए, इसे और करीब से समझें।
S-500 की खासियतें
S-500 प्रोमेथियस को 2021 में रूसी सेना में शामिल किया गया। ये सिस्टम हवा, मिसाइल, और अंतरिक्ष तक के खतरों से निपटने के लिए बनाया गया है। इसकी रेंज हवाई टारगेट्स जैसे विमान और ड्रोन के लिए 400-600 किमी और बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए 600 किमी है। इसका रडार 2000 किमी दूर से टारगेट पकड़ लेता है, जो इसे बेहद खास बनाता है।
इसका रिएक्शन टाइम सिर्फ़ 3-4 सेकंड है, यानी दुश्मन की मिसाइल को पल में खत्म कर देता है। ये एक साथ 36 टारगेट्स को ट्रैक और 10 को इंटरसेप्ट कर सकता है। इसकी मिसाइल्स हाइपरसोनिक स्पीड पर काम करती हैं, जो हाइपरसोनिक मिसाइल और लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स को नष्ट कर सकती हैं। सैटेलाइट डिफेंस की क्षमता इसे स्पेस वॉरफेयर में भी अहम बनाती है। भारत जैसे देशों के लिए, जो हाइपरसोनिक खतरों का सामना कर सकते हैं, ये सिस्टम एक मज़बूत ढाल की तरह काम कर सकता है।
S-400 और THAAD से तुलना
S-400 की ताकत से सब वाकिफ हैं, लेकिन S-500 उससे कई कदम आगे है। S-400 की रेंज 400 किमी है और रिएक्शन टाइम 9-10 सेकंड। ये विमान, ड्रोन, और बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ मज़बूत है, लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइल और सैटेलाइट डिफेंस में सीमित है। भारत के पास S-400 है, जिसने हाल के ऑपरेशन्स में अपनी ताकत दिखाई। S-500 ज़्यादा रेंज, तेज़ रिएक्शन, और सैटेलाइट डिफेंस के साथ इसे पीछे छोड़ देता है।
अमेरिका का THAAD बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस के लिए है, लेकिन इसकी रेंज सिर्फ़ 200 किमी और ऊँचाई 150 किमी है। ये हाइपरसोनिक मिसाइल या सैटेलाइट्स को टारगेट नहीं कर सकता। S-500 की मल्टी-लेयर क्षमता हवा, मिसाइल, और अंतरिक्ष इसे THAAD से कहीं बेहतर बनाती है। भारत के लिए S-500 का प्रस्ताव अहम है, क्योंकि S-400 के साथ मिलकर ये डिफेंस को और मज़बूत कर सकता है। S-500 की ताकत ऐसी है कि सामने वाले को सोचने का मौका भी नहीं मिलता।





