दुनिया का सबसे छोटा शहर, आबादी मात्र 52 लोगों की, पैदल घूम सकते हैं आप!

इससे पहले हम आपको दुनिया के सबसे बड़े शहर से रूबरू करवा चुके हैं, आज हम आपको दुनिया का सबसे छोटा शहर के बारे में बताने जा रहे हैं। तकनीक, सफाई, ट्रांसपोर्ट और अनुशासन के मामले में भी यह काफी आगे है।

दुनिया में किसी भी देश की चर्चा होते ही दिमाग में बड़ी-बड़ी और ऊंची इमारतें, भीड़भाड़ और रोशनी से भरे रास्ते, एक से बढ़कर एक मार्केट, एमएनसीज कम्पनी आने लगती है। बता दें कि अमूमन देश छोटे-बड़े शहरों की जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से यह तय किया जाता है कि वह कितना बड़ा है। विश्व का हर एक देश किसी-न-किसी खासियत के लिए प्रसिद्ध है। इनमें भारत भी शामिल है, जिसके कुछ शहर अनोखे हैं, जहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है।

इससे पहले हम आपको दुनिया के सबसे बड़े शहर से रूबरू करवा चुके हैं, आज हम आपको दुनिया का सबसे छोटा शहर के बारे में बताने जा रहे हैं। तकनीक, सफाई, ट्रांसपोर्ट और अनुशासन के मामले में भी यह काफी आगे है।

हम शहर

दरअसल, इस शहर का नाम हम है, जो कि क्रोएशिया में स्थित है। बता दें कि यहां की आबादी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 52 लोग है। 12.95 वर्ग किलोमीटर में फैले इस शहर को पैदल ही घूमा जा सकता है। यहां आपको स्थानीय पहनावा, खान-पान देखने को मिलेगा। यहां सभी लोग मिलकर एक साथ किसी भी पर्व को मनाते हैं। अमूमन हर कोई एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानता है।

एक रेलवे स्टेशन

यहां आपको रिहायशी इमारतें, टाउन वॉल, टाउन गेट, कब्रिस्तान, दो चर्च और एक रेस्तरां मिलेगा। इतने में ही यहां के सभी लोग मौज से जीते हैं। छोटा होने के कारण यह पर्यटकों के लिए भी पहली पसंद बना हुआ है। यहां लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशन का भी निर्माण किया गया है, जिससे माल की ढुआई आसानी से हो जाती है। हालांकि, स्थानीय लोगों ज्यादातर बस, कार, बाइक आदि का ही इस्तेमाल करते हैं।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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