एक थी कबरी बिल्ली, जिसने रामू की बहू की नाक में दम कर रखा था। कबरी बिल्ली को खाने से इतना प्यार था कि वो हर उस चीज़ पर अपना मुंह डाल देती जो रामू की बहू बड़े प्यार से अपने घरवालों के लिए बनाती थी। भगवतीशरण वर्मा की ये प्रसिद्ध कहानी स्कूल में ही हम सबने पढ़ी थी और तभी जान लिया था कि बिल्लियों को खाने से कितना प्रेम है। अब बिल्ली चाहे रामू की बहू के घर वाली हो या ब्रिटेन की..भोजन प्रेम तो सभी का एक सा होता है। तो आज हम आपको मिलाते हैं एक विलायती बिल्ली से।
ब्रिटेन की इस चार साल की बिल्ली पेस्ले को जब कैट्स प्रोटेक्शन सेंटर लाया गया तो सभी उसे देखकर हैरत में पड़ गए। इस नन्ही उम्र में पेस्ले का वज़न साढ़े नौ किलो है जो सामान्य बिल्लियों की तुलना में दुगुना है। खाने की शौकीन ये बिल्ली इतनी मोटी हो गई कि न न तो ठीक से बैठ पाती न ही कोई और काम कर पाती।