मध्य प्रदेश के उपभोक्ताओं को नए साल में महंगी बिजली का झटका लग सकता है। प्रदेश की बिजली कंपनियों ने राज्य में बिजली के दाम करीब 10 फीसदी बढ़ाने की मांग की है, एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी और प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने राज्य विद्युत नियामक आयोग में टैरिफ याचिका दायर की है।
बिजली कंपनियों ने अपने घाटे की भरपाई के लिए अगले वित्तीय वर्ष यानि साल 2026-27 में प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने की मांग की है हांलांकि आयोग ने कंपनियों की टैरिफ याचिका पर अब तक पब्लिक नोटिस जारी कर जनता से आपत्तियां नहीं बुलवाईं हैं लेकिन बिजली के दाम बढ़ाने के कंपनियों के प्रस्ताव का विरोध अभी से शुरु हो गया है।
बिजली कंपनियों की मांग का विरोध शुरू
बिजली मामलों में जानकारों का कहना है कि प्रदेश में बढ़ते सोलर पावर जनरेशन और कोयला ढुलाई में जीएसटी कटौती की वजह से बिजली के दाम घटने चाहिए थे लेकिन बिजली कंपनियों ने इसका लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाया है और उल्टा प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने की मांग कर दी है।
याचिका पर जनता की आपत्तियां बुलवाएगा आयोग
बता दें कि तय प्रक्रिया के मुताबिक अब राज्य विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों की याचिका पर जनता की आपत्तियां बुलवाएगा और फिर जनसुनवाई के बाद प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने पर कोई फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरप्लस बिजली वाला प्रदेश है बावजूद इसके यहाँ दूसरे राज्यों से महंगी बिजली है, अब इसकी कीमतें औरबढ़ाना उपभोक्ताओं के लिए नए साल में बड़ा झटका होगा।
संदीप कुमार की रिपोर्ट





