जबलपुर।
साइबर क्राइम संस्कारधानी के लिए नासूर बनता जा रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के मामले संस्काधानी में सामने आ रहे हैं। ये वो मामले हैं, जो पुलिस ने दर्ज किए, जबकि सूत्रों की मानें तो अधिकतर मामलों को पुलिस या तो सादे कागज में शिकायत लेकर निपटा देती है या फिर अन्य धाराओं का सहारा लेकर साइबर क्राइम के मामलों में पर्दा डाल दिया जाता है। यहां कभी मेट्रोमोनियल साइट बनाकर विधुर और तलाकशुदा लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता हैं तो कभी साइबर अपराधी ठगी के नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं। वे अब फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को चपत लगा रहे हैं। सोशल नेटवर्क के माध्यम से लोगों की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने वाले साइबर अपराधी तरीका भी उसी अनुसार निकालते हैं। जिले में रोज 50 लोगों को साइबर अपराधी अलग-अलग तरीके से अपना शिकार बना रहे हैं।
जानकारी के अनुसार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, विभिन्न ऐप के माध्यम से होने वाले लेन-देन के बाद साइबर अपराध तेजी से बढ़ा है। दिल्ली, मुम्बई, झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पूर्वोत्तर भारत व बिहार में सक्रिय गिरोह यहां के लोगों को चपत लगा रहे हैं। राज्य पुलिस सायबर जोन में रोज तीन से चार शिकायतें इस तरह की पहुंचती हैं। जिले की बात करें तो यह संख्या 40 से 45 की बताई जाती है। कई लोगों की रकम कुछ हजार होने की वजह से थानों तक नहीं पहुंच पाती और कुछ में थानों में ही शिकायतें दर्ज करने में नियम-कानून का पेंच फंसाकर भटका देते हैं।
विपिन ताम्रकार, निरीक्षक, राज्य पुलिस साइबर जबलपुर जोन का कहना है कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ता जा रहा है। अभी तक कोई स्थानीय गिरोह पकड़ में नहीं आया है। सबसे अधिक दिल्ली, झारखंड, पश्चिम बंगाल के गैंग सामने आए हैं।