मतदान बहिष्कार का अनोखा तरीका, ‘रेलवे स्टेशन नहीं तो वोट नहीं’

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जबलपुर। रोड नहीं तो वोट नहीं, पानी बिजली नहीं तो वोट नहीं, अभी तक अपनी मांगों को लेकर चुनाव के प्रति इस तरह का बहिष्कार तो आपने सुना और देखा होगा। पर रेल्वे स्टेशन नहीं तो वोट नहीं, अब इस तरह का भी विरोध चुनावी समय में उठने लगा है। जबलपुर की पश्चिम विधानसभा में रहने वाले सैकड़ों लोगों ने एक बार फिर हाऊबाग रेलवे स्टेशन को पुनः विकसित करने की मांग उठाई है। हाऊबाग बचाओ संघर्ष समिति के आवाह्न पर आज सैकड़ों लोगों ने छोटी लाइन ट्रेन की रेल्वे स्टेशन हाऊबाग को स्थापित करने की मांग उठाई है।

पश्चिम विधानसभा के गोरखपुर इलाके के सेकड़ो लोगों चेतावनी दी है कि अगर हाऊबाग रेल्वे स्टेशन को फिर से विकसित नही किया जाता है तो पश्चिम विधानसभा के हजारो मतदाता न सिर्फ विधानसभा बल्कि आगामी लोकसभा और नगर निगम चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे।करीब डेढ़ सौ साल पहले बनी हाऊबाग रेल्वे स्टेशन को नेताओ और रेल्वे के अधिकारियों ने ये कहकर तोड़ दिया था कि छोटी लाइन से इस लाइन को बड़ी लाइन में बदला जा रहा है इस वजह से स्टेशन के दायरे को बढ़ाने के लिए इसे तोड़ा जा रहा है पर बाद में हाऊबाग रेल्वे स्टेशन को सगड़ा-कछपुरा स्टेशन के पास बनाते हुए राजनेता और रेल्वे ने छलावा किया है।हाऊबाग बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे लोगो ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और जबलपुर सांसद राकेश सिंह पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी जमीन के दामो की कई गुना कीमत पाने के लिए रेल मंत्री से मिलकर राकेश सिंह ने हाऊबाग रेल्वे स्टेशन को सगड़ा में स्थापित करवाया है।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह पर ये भी आरोप लगा है कि उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा सगड़ा की कई किलोमीटर जमीन में फैला हुआ है।अपनी जमीन की कीमत बढ़वाने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सत्ता का फायदा उठाते हुए सगड़ा और कछपुरा में रेल्वे स्टेशन बनवाया है।पश्चिम विधानसभा के वाशिंदों ने चेतावनी दी है कि अब न सिर्फ विधानसभा बल्कि आने वाले अन्य चुनावो में भी मतदान को लेकर इस तरह का बहिष्कार जारी रहेगा।


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