RSS का कांग्रेस को जवाब: दत्तात्रेय होसबाले बोले- ‘पहले 3 बार कोशिश की, एक बार फिर कर लें’, धर्मांतरण और जातीय जनगणना पर भी कही बात

जबलपुर में RSS की कार्यकारी मंडल बैठक में सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कांग्रेस को प्रतिबंध लगाने की चुनौती देते हुए कहा कि पहले के अनुभवों से सबक लेना चाहिए। संघ ने धर्मांतरण, घर वापसी और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर भी अपना रुख स्पष्ट किया।

जबलपुर: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के RSS पर प्रतिबंध लगाने वाले बयान पर संघ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जबलपुर में आयोजित अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कांग्रेस को खुली चुनौती दी और कहा कि वे एक बार फिर यह प्रयास करके देख लें।

होसबाले ने कहा कि समाज और सरकार ने संघ को स्वीकार किया है और पहले भी प्रतिबंध लगाने के प्रयासों को अदालतों ने गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसे बयान देने से पहले अपने पिछले अनुभवों से सीखना चाहिए।

कांग्रेस को खुली चुनौती

मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर सीधा जवाब देते हुए दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि कांग्रेस पहले भी तीन बार संघ पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन हर बार असफल रही।

“उन्हें (कांग्रेस को) RSS पर प्रतिबंध लगाने का कारण भी जरूर बताना चाहिए। भारत की सुरक्षा, संस्कृति और विकास के लिए काम करने वाले संगठन पर प्रतिबंध की बात क्यों की जा रही है? समाज ने हमें स्वीकार कर लिया है, उन्हें पहले के अनुभव से पाठ सीखना चाहिए।” — दत्तात्रेय होसबाले, सर कार्यवाह, RSS

उन्होंने आगे कहा कि जब भी संघ पर प्रतिबंध लगाया गया, अदालतों ने उसे गलत साबित किया। ऐसे में जो नेता इस तरह की बातें कर रहे हैं, उन्हें यह सोचना चाहिए कि समाज किस दिशा में जा रहा है।

धर्मांतरण और ‘घर वापसी’ पर संघ का जोर

सर कार्यवाह ने बताया कि कार्यकारी बैठक में देश में बढ़ते धर्मांतरण के मुद्दे पर भी गहन चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण रोकना और ‘घर वापसी’ को प्रोत्साहित करना अब आवश्यक हो गया है।

होसबाले ने कहा, “संघ देशभर में धर्म जागरण को लेकर काम कर रहा है। विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में प्रयास किए जा रहे हैं कि धर्मांतरण को रोकने के साथ-साथ धर्म के प्रति जागृति भी फैलाई जाए।” उन्होंने पंजाब का जिक्र करते हुए कहा कि वहां साजिश के तहत धर्मांतरण कराया जा रहा है, जो एक बड़ी समस्या है।

जातीय जनगणना और बंगाल हिंसा

जातीय जनगणना के मुद्दे पर होसबाले ने कहा कि इसका इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह सच है कि देश में कुछ जातियां विकास की दौड़ में पीछे रह गई हैं। आंकड़ों का इस्तेमाल सिर्फ पिछड़ों के भले के लिए होना चाहिए, न कि समाज में विभेद बढ़ाने के लिए।”

इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में अस्थिरता फैलाने वालों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जो देश के साथ अन्याय है।

 


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