सदीप कुमार।जबलपुर।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ पर इसमे अभी से विसंगति शुरू हो गई है। जिस पर की जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने आपत्ति जताई है।जगतगुरु शंकराचार्य आगामी 15 मार्च को श्रीरामजन्मभूमि मर्यादा रक्षा महासम्मेलन का आयोजन कर रहे है।यह आयोजन नरसिंहपुर के झोतेश्वर में होगा जिसे संत समागम का नाम दिया गया है।इस विशाल संत समागम में देश भर से साधु संतो के आने की उम्मीद जताई जा रही है।जगतगुरु शंकराचार्य के निज सचिव और मठ मंदिर न्यास के अध्यक्ष ब्रम्ह्चारी सुबुध्यनन्द ने आज जबलपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि संत समागम करने की जरूरत इसलिए पड़ी की हिंदू धर्म के आराध्य भगवान श्रीराम को आरएसएस महापुरुष बनाने की साजिश कर रही है जिसमें कि केंद्र सरकार भी साथ दे रही है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में कथित भव्य राम मंदिर बनाने के लिए जिस ट्रस्ट की घोषणा की गई है उसमें असली राम भक्त,धर्मगुरु तथा सनातन परंपरा के विद्वानों को दरकिनार कर आपराधिक प्रवृत्तियों में लिप्त आरएसएस के चाटुकारो को ट्रस्ट में शामिल किया गया है। वर्तमान राम जन्मभूमि न्यास धार्मिक एवं संवैधानिक दोनों ही दृष्टियो से अवैध है ऐसे में जरूरत है कि हिंदू धर्मविलम्बी डटकर इसका विरोध करें और यही वजह है कि आगामी 15 मार्च को नरसिंहपुर जिले में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में संत समागम का आयोजन किया जा रहा है।
इस आयोजन में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शामिल होंगे और उन्हीं के संयोजन में यह पूरा मंथन होगा तथा आगे की रणनीति बनाई जाएगी।शंकराचार्य के निजी सचिव ने आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत पर आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस भगवान राम को महापुरुष बनाने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भगवान राम हम सभी के आराध्य हैं लेकिन आरएसएस भगवान राम को महापुरुष बनाने की तैयारी कर रही है जो की पूरी तरह से गलत है और हम इसका विरोध भी करेंगे।