मध्य प्रदेश में विशेषज्ञों के 3615 पदों में से 2498 रिक्त हैं। वही हाल ही में 451 पदों पर स्नातकोत्तर चिकित्सा अधिकारियों (पीजीएमओ) को पदोन्नत कर विशेषज्ञ बनाया गया है।जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में कार्यरत पीजीएमओ की संख्या करीब 1200 हो गई है, लेकिन अभी भी कई पद रिक्त है, ऐसे में सीधी भर्ती की जा रही है।
इस सीधी भर्ती से प्रदेश के कई अस्पतालों में ऑपरेशन से प्रसव की सुविधा शुरू हो सकेगी। इससे शिशुओं और प्रसूताओं की मौत रोकने में मदद मिलेगी।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सिविल अस्पतालों में विशेषज्ञों की संख्या बढ़ने से जिला अस्पताल और मेडिकल कालेजोें को राहत मिलेगी। वही CPS डिप्लोमा कोर्स की सीटों में भी इजाफा होगा।
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बता दे कि बीते महीनों हुई शिवराज कैबिनेट में फैसला लिया गया था कि चिकित्सा विशेषज्ञ के रिक्त पदों को भरने के लिए 25 प्रतिशत यानि 904 पद अब सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे। शेष पदों पर क्रमोन्नति का लाभ दिया जाएगा।मध्य प्रदेश में 3618 विशेषज्ञ के पद में से 2899 पद रिक्त हैं,जिस पर वर्ष 2016 से पदोन्नति की रोक लगी है।