देशभर में एसएससी फेज-13 परीक्षा (SSC Phase-13) को लेकर बवाल है। तकनीकी गड़बड़ियों और कुप्रबंधन के खिलाफ उम्मीदवार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारी चयन आयोग और एडुक्विटी पर अनेक सवाल भी उठ रहे हैं।इसी बीच एसएससी अध्यक्ष एस गोपालकृष्णन का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि आयोग परीक्षा रद्द नहीं करेगा। हालाँकि ऐसे उम्मीदवारों को री-एग्जाम का मौक़ा मिलेगा, जो उचित अवसर से वंचित रह गए।
आयोग ने एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजी को भी एक पत्र लिखा है। सभी समस्याओं का समाधान करने का अनुरोध भी किया गया है। फ़िलहाल आंकड़ों का विश्लेषण जारी है।अध्यक्ष ने कहा कि, “आंकड़ो के विश्लेषण के बाद यदि हमे लगता है कि उम्मीदवार के साथ अन्याय हुआ है तो ऐसे कैंडिडेट्स के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जाएगी।”
एसएससी फेज-13 परीक्षा में कुप्रबंधन, जानें अध्यक्ष ने क्या कहा?
एस गोपालकृष्णन ने नए वेंडर के साथ एग्जाम के दौरान तकनीकी समस्याओं, कुप्रबंधन और उम्मीदवारों को दूर एग्जाम सेंटर आवंटित करने की बात स्वीकारी है। परीक्षा के दौरान सिस्टम हैंग होने, माउस खराब होने जैसी खामियों पर पेनाल्टी लगाने की बात भी कही है। इन समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया है। हालाँकि प्रश्नों के चयन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को भी ख़ारिज किया है।
वेंडर हटाने की मांग ख़ारिज
एसएससी अध्यक्ष ने वेंडर को हटाने की मांग ख़ारिज की है। एसएससी अध्यक्ष ने कहा, “हम एक परीक्षा के आधार उन्हें हटा नहीं सकते। हम आने वाले सप्ताह में परीक्षाएं कैसे आयोजित करेंगे? इसके लिए हमे नई एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपनी होगी। किसी कम्पनी को तैयार करने के लिए दिसम्बर तक का समय लग जायेगा। तब तक हम क्या करेंगे?” उन्होंने आगे कहा, “हमने कम्पनी के काम में सिर्फ एक हफ्ते में काफी सुधार देखा है। शुरुआती कुछ दिनों में समस्याएँ हुई थी, लेकिन उन्होंने इनका समाधान भी किया।”
क्या है मामला?
24 जुलाई से 1 अगस्त के बीच देशभर के विभिन्न शहरों में एसएससी फेज-13 परीक्षा आयोजित की गयी थी। 142 शहरों में 192 केंद्र आवंटित किए थे। करीब 5 लाख उम्मीदवार इसमें शामिल हुए। कैंडिडेट्स ने परीक्षा के दौरान बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, सिस्टम हैंग होने, माउस खराब और दूर परीक्षा केंद्र आवंटित करने की शिकायत की। जिसे लेकर शिक्षक और छात्रो ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर भी एसएससी की काफी आलोचना हुई।





