दरअसल उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में भी शिक्षक के शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवारों को दो परीक्षाओं से गुजरना होगा। राज्य सरकार द्वारा भर्ती के संबंध में शिक्षक पात्रता परीक्षा के साथ संबंधित विषय की चरण परीक्षा भी कराने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इसकी अधिसूचना जारी की गई है।
संबंधित विषय की चयन परीक्षा में होना होगा शामिल
जारी अधिसूचना के तहत वर्ष 2018 और 20 की शिक्षक पात्रता परीक्षा के सफल उम्मीदवार अब कभी भी शिक्षक पात्रता परीक्षा की भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। हालांकि उसके लिए उनकी आयु 21 से 40 वर्ष के भीतर होनी चाहिए। साथ ही उन्हें संबंधित विषय की चयन परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी होगी।
MPTET स्कोर अब आजीवन वैध, शर्तें तय
शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैलिडिटी को बढ़ाए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। जिसके बाद 2018-20 के परीक्षा परिणाम की घोषणा के बाद राज्य सरकार से दो बार के लिए बढ़ाया गया था। हालांकि राज्य सरकार ने उम्र सीमा की शर्त के साथ आजीवन के लिए वैध कर दिया है।
क्यों जरुरी है चयन परीक्षा
हालांकि नई व्यवस्था के तहत उम्मीदवारों को शिक्षक बनने के लिए MPTET परीक्षा के अलावा संबंधित विषय की परीक्षा में शामिल होना होगा। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चयन परीक्षा सिर्फ विषय संबंधित ज्ञान परखने के लिए आयोजित की जाएगी, इसके लिए अंक निर्धारण के कोई पैमाने निश्चित नहीं किए जाएंगे। इस परीक्षा का उद्देश्य यह आकलन करना होगा कि संबंधित विषय का ज्ञान उम्मीदवारों को है अथवा नहीं।
पात्रता परीक्षा परिणाम की वैधता अवधि बढ़ाने की थी मांग
बता दें कि इससे पहले वर्ष 2018 और 2020 में 453000 उम्मीदवार शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल हुए थे। जिनमें से ढाई लाख उम्मीदवार सफल हुए थे। ऐसे में अब तक 30000 से अधिक उम्मीदवारों शिक्षक बन चुके हैं जबकि अन्य उम्मीदवारों की मांग थी कि पात्रता परीक्षा परिणाम की वैधता अवधि को बढ़ाया जाए ताकि अगली बार होने वाली शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में वह भी शामिल हो सके।