यहां आत्माओं को पसंद है फैंटा, रात में पंखा चलाना बन सकता है मौत का कारण! जानिए दुनियाभर की 10 अजीबोगरीब मान्यताएं

वियतनाम में माना जाता है कि बिस्तर के सामने आईना नहीं टांगना चाहिए, क्योंकि इससे आत्माएं आकर्षित हो सकती हैं। स्पेन में नए साल की पूर्व संध्या पर मध्यरात्रि को 12 बार घंटी बजने के साथ 12 अंगूर खाने की परंपरा है। जर्मनी में जब लोग शराब या बीयर के गिलास के साथ टोस्‍ट करते हैं तो यह जरूरी है कि वे एक-दूसरे की आंखों में देखें। ऐसा न करने पर माना जाता है कि अगले सात साल तक उनकी लव लाइफ खराब रहेगी।

Bizarre Beliefs and Superstitions : क्या कभी ऐसा हुआ है कि आप घर से निकल रहे हों और छींक आ जाए तो कोई बड़ा टोक देता है कि थोड़ा ठहर जाओ। या बिल्ली रास्ता काट ले तो अपना रास्ता ही बदल दे। क्या किसी ने आपसे कहा है कि रात में नाखून नहीं काटते और दोपहर में कहानी नहीं सुनाते।

ये सारी बातें या मान्यताएं सिर्फ हमारे देश या समाज में ही नहीं हैं। दुनियाभर में ऐसी बातें अलग-अलग रूपों में प्रचलित हैं। इनमें से कुछ मान्यताएं सदियों पुरानी परंपराओं और धार्मिक विश्वासों से जुड़ी हैं तो कुछ स्थानीय संस्कृति और अनुभवों से उपजी हैं।

विचित्र किंतु सत्य

कभी-कभी ये मान्यताएं इतनी अनोखी होती हैं कि किसी बाहरी व्यक्ति के लिए ये हैरान कर देने वाली होती हैं। लेकिन जिस समाज में ये मान्यताएं प्रचलित हैं, उनके लिए पूरी तरह स्वीकार्य और महत्वपूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं दुनियाभर की कुछ ऐसी ही अजीबोगरीब और रोचक मान्यताओं के बारे में, जो हमें अलग-अलग संस्कृतियों की सोच, डर और आस्था की एक झलक देती हैं।

दुनियाभर की कुछ अजीबोगरीब मान्यताएं

1. भूतों के लिए लाल फैंटा (थाईलैंड) : थाईलैंड में कुछ लोग मानते हैं कि आत्माओं को खुश करने के लिए लाल रंग का फैंटा चढ़ाना चाहिए। माना जाता है कि लाल रंग खून का प्रतीक है जो भूतों को आकर्षित करता है। वहां लोग मंदिरों या सड़क किनारे छोटे-छोटे मंदिरों में फैंटा की बोतलें रखते हैं।

2. मृतकों का दिन (मेक्सिको) : मेक्सिको में हर साल मृतकों का दिन मनाया जाता है, जहां लोग अपने मृत परिजनों की आत्माओं का स्वागत करने के लिए उनके पसंदीदा खाने, फूल और मोमबत्तियां सजाते हैं। यह उत्सव इतना रंगीन होता है कि लोग मौत को डरावना नहीं, बल्कि किसी उत्साह की तरह देखते हैं।

3. काली बिल्ली का शुभ होना (जापान) : आमतौर पर पश्चिमी देशों में काली बिल्ली को अशुभ माना जाता है, लेकिन जापान में यह शुभ मानी जाती है। वहां लोग मानते हैं कि काली बिल्ली सौभाग्य और समृद्धि लाती है। खासकर अविवाहित महिलाओं के लिए अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए इन्हें शुभ प्रतीक माना जाता है।

4. नजर उतारने के लिए सीसा पिघलाना (तुर्की) : तुर्की में बुरी नजर से बचने के लिए एक अनोखा तरीका है। लोग पिघले हुए सीसे को ठंडे पानी में डालते हैं और उससे निकलने वाले आकार को देखकर भविष्यवाणी करते हैं। यह प्रथा बुरी नजर को दूर करने के लिए की जाती है।

5. भूतों का महीना (चीन) : चीनी संस्कृति में सातवां चंद्र मास “भूतों का महीना” माना जाता है। इस दौरान लोग मानते हैं कि आत्माएं धरती पर भटकती हैं। इस समय लोग सड़कों पर नकली पैसे जलाते हैं और खाना चढ़ाते हैं ताकि आत्माएं खुश रहें और उन्हें परेशान न करें।

6. नए साल पर लाल अंडरवियर (इटली) : इटली में कई लोग नए साल की पूर्व संध्या पर लाल अंडरवियर पहनते हैं। मान्यता है कि यह सौभाग्य, प्रेम और उर्वरता लाता है। इस परंपरा को आज भी कई लोग मजाक में या गंभीरता से निभाते हैं।

7. बच्चों के सिर पर हाथ न रखना (मलेशिया) : मलेशिया में माना जाता है कि बच्चों के सिर पर हाथ रखने से उनकी बुद्धि कम हो सकती है या उनकी आत्मा पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए लोग बच्चों के सिर को छूने से बचते हैं।

8. पंखा चालू करके सोना मृत्यु का कारण (दक्षिण कोरिया) : दक्षिण कोरिया में यह व्यापक मान्यता है कि अगर बंद कमरे में रात भर पंखा चलाकर सोया जाए, तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। इसे “फैन डेथ” कहा जाता है। इसीलिए यहां बिकने वाले ज़्यादातर पंखों में टाइमर होता है जिससे वो रात को न चल सकें।

9. चार नंबर से डर (जापान) : जापान में “4” अंक को अशुभ माना जाता है क्योंकि जापानी भाषा में ‘चार’ (shi) की ध्वनि ‘मृत्यु’  से मिलती-जुलती है। इसी कारण कई अस्पतालों और होटलों में कमरा नंबर 4 नहीं होता।

10. पर्स को जमीन पर न रखें (ब्राजील) : ब्राजील में माना जाता है कि अगर आप अपना पर्स या वॉलेट जमीन पर रखते हैं तो आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। यह विश्वास धन के प्रति सम्मान और उसकी रक्षा से जुड़ा है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। ये सिर्फ सूचना के उद्देश्य से है, हम ऐसी किसी मान्यता या परंपरा का उपहास नहीं उड़ाते हैं।)


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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