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Thu, Dec 18, 2025

बार-बार बीमार पड़ रहे हैं? ये 2 आसान वास्तु उपाय बदल सकते हैं आपकी सेहत की किस्मत

Written by:Bhawna Choubey
Published:
अगर आपको बार-बार बीमारियां घेर रही हैं और इलाज के बाद भी आराम नहीं मिल रहा, तो इसकी वजह घर का वास्तुदोष हो सकता है। यहां जानिए दो असरदार वास्तु उपाय जो आपके स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं। जानें इन उपायों को अपनाने का सही तरीका।
बार-बार बीमार पड़ रहे हैं? ये 2 आसान वास्तु उपाय बदल सकते हैं आपकी सेहत की किस्मत

क्या आप लंबे समय से किसी बीमारी से परेशान हैं? बार-बार डॉक्टर बदलने के बाद भी आराम नहीं मिल रहा? हो सकता है इसका कारण आपके घर का वास्तु दोष हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की बनावट और दिशा में कुछ छोटी-छोटी गड़बड़ियां हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं।

ऐसे कई लोग हैं जो लगातार बीमार रहते हैं, लेकिन जब उन्होंने अपने घर के वास्तु में बदलाव किया तो स्वास्थ्य में सुधार साफ नजर आया। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे दो बेहद सरल वास्तु उपाय जो आपके जीवन में स्वास्थ्य से जुड़ी राहत ला सकते हैं।

बार-बार बीमार पड़ने की वजह हो सकता है वास्तुदोष

मुख्य द्वार पर रखें ये खास चीज

वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार को विशेष महत्व दिया गया है। अगर घर का मुख्य दरवाजा गंदा, टूट-फूट वाला या अव्यवस्थित है, तो वहां से नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। इससे घर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। उपाय के तौर पर, मुख्य दरवाजे पर स्वस्तिक चिन्ह बनाएं और नियमित रूप से साफ-सफाई रखें। इससे पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है और बीमारियां धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।

घर में न रखें टूटी चीजें

टूटी हुई वस्तुएं जैसे कि घड़ी, शीशा, फर्नीचर या इलेक्ट्रॉनिक सामान घर में रखने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है। इससे घर की ऊर्जा प्रभावित होती है और मानसिक तनाव बढ़ सकता है, जो सीधे तौर पर शरीर पर असर डालता है। ऐसे में जरूरी है कि समय-समय पर घर का निरीक्षण करें और टूटे-फूटे सामान को तुरंत हटा दें। इससे जीवन में सकारात्मकता आएगी और स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।

पूजा स्थान का गलत दिशा में होना भी बनता है कारण

अगर आपके घर का पूजा स्थान दक्षिण दिशा में है या शौचालय के पास है, तो यह बहुत गंभीर वास्तुदोष बनाता है। यह मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसानदायक हो सकता है। कोशिश करें कि पूजा स्थान हमेशा पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में हो। वहां पर रोज सुबह दीपक जलाएं और सकारात्मक मंत्रों का उच्चारण करें। इससे मानसिक शांति मिलेगी और शरीर भी स्वस्थ रहेगा।