मानसून में बगीचे के लिए अचूक 3 Fertilizer, ऐसे करें घर पर तैयार

Fertilizer: मानसून के मौसम में बगीचे की देखभाल के लिए घर पर ही कुछ अचूक खाद बनाना बहुत आसान है। ये खाद न केवल आपके पौधों को पोषण देंगे बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित होंगे।

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Fertilizer: मानसून के मौसम में पौधों को पोषण देने के लिए उचित खाद का इस्तेमाल बहुत जरूरी है। ये खाद पौधों को स्वस्थ रखने और उनकी वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं मानसून में बगीचे के लिए कौन सी खाद सबसे अच्छी होती है और इन्हें कैसे तैयार किया जा सकता है। चुकंदर की पत्तियों को कचरे में फेंकने की बजाय, उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर खाद में बदलें। इन पत्तियों को काटकर पानी में मिलाएं और कुछ दिनों तक रखने के बाद छान लें। यह प्राकृतिक घोल आपके पौधों के लिए एक उत्तम पोषण का स्रोत बन जाएगा, जिससे वे स्वस्थ, हरे-भरे और अधिक फलदार हो जाएंगे।

चुकंदर की पत्तियां

आपके किचन में पड़े चुकंदर के पत्तियों को कचरे में फेंकने की बजाय, आप उनसे एक शानदार जैविक खाद बना सकते हैं। चुकंदर की पत्तियों में कई पोषक तत्व होते हैं जो आपके पौधों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आप इन पत्तियों को काटकर पानी में मिलाएं और कुछ दिनों तक रखने के बाद छान लें। यह प्राकृतिक घोल आपके पौधों के लिए एक उत्तम पोषण का स्रोत बन जाएगा, जिससे वे स्वस्थ, हरे-भरे और अधिक फलदार हो जाएंगे। इस घोल को सीधे पौधों की जड़ों में डालने से वे तेजी से बढ़ेंगे और आपको ताज़ी सब्जियां प्राप्त होंगी। यह न केवल आपके पौधों के लिए फायदेमंद है बल्कि पर्यावरण के लिए भी अच्छा है क्योंकि आप कचरे की मात्रा को कम कर रहे हैं।

पड़े प्याज छिलके

आपके किचन में पड़े प्याज के छिलकों को कचरे में फेंकने की बजाय, आप उनसे एक शानदार जैविक खाद बना सकते हैं। प्याज के छिलके में कई पोषक तत्व होते हैं जो आपके पौधों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आप इन छिलकों को एक जार में पानी के साथ भरकर एक हफ्ते के लिए छोड़ दें। एक हफ्ते बाद इस पानी को छानकर अपने पौधों को दें। इसके अलावा, आप इन छिलकों को मिट्टी में मिलाकर भी उपयोग कर सकते हैं। इससे आपकी मिट्टी उपजाऊ बनेगी और आपके पौधे तेजी से बढ़ेंगे।

गोबर खाद

गोबर खाद सदियों से खेती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसमें मौजूद पोषक तत्व मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और फसलों की पैदावार को बेहतर बनाते हैं। आज भी कई किसान गोबर खाद का उपयोग करते हैं। गोबर से आप तरल खाद और सूखी खाद दोनों बना सकते हैं। तरल खाद बनाने के लिए एक बाल्टी में सड़ा हुआ गोबर और पानी भरकर कुछ दिनों के लिए छोड़ दें। इस घोल को छानकर पौधों को दिया जा सकता है। सड़ा हुआ गोबर को सीधे मिट्टी में मिलाकर भी उपयोग किया जा सकता है। गोबर खाद न केवल मिट्टी को उपजाऊ बनाता है बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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