Why Lifts have Mirrors : दुनिया के लगभग सभी देश लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों के जीवन में कामों को आसान बनाने के लिए इंजीनियर द्वारा एक-से-बढ़कर-एक टेक्नोलॉजी लॉन्च किए जाते हैं, जो इंसान का समय भी बचाता है। इन्हीं में से एक लिफ्ट भी है, जो बिल्डिंग, फ्लैट्स, मॉल, रेलवे प्लेटफार्म, एयरपोर्ट आदि पर लोगों की सुविधा के लिए लगाए जाते हैं। यह भू-तल से ऊपर लास्ट फ्लोर पर बहुत ही कम समय में और तेजी से इंसान को उसके गंतव्य तक पहुंचा देता है। इस कारण उन्हें सीढ़ियो का इस्तेमाल भी नहीं करना पड़ता और भारी सामान भी नहीं ढ़ोना पड़ता है।
बहुत से लिफ्ट आपने ऐसे देखे होंगे जो बिल्कुल पैक होते हैं, तो कुछ लिफ्ट ऐसे होते हैं जो ट्रांसपेरेंट होते हैं। जिससे आर-पार का नजारा साफ-साफ देखा जा सकता है। ऐसे लिफ्ट्स ज्यादातर आपको मॉल में देखने को मिलेंगे।
क्यों लगाते हैं मिरर? (Why Lifts have Mirrors)
वहीं, लिफ्ट में चढ़ते वक्त आपने गौर किया होगा कि इसमें मिरर लगा होता है, जिसमें लोग अक्सर चढ़ने के बाद खुद को निहारत हैं। उस दौरान क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि आखिर लेफ्ट में शीशे क्यों लगे होते हैं? अमूमन लोगों के मन में यही जवाब आता होगा कि यह लोगों को उनकी शक्ल देखने के लिए लगाए जाते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल, लिफ्ट में मिरर लगाने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं, जिससे आम लोग बेसिकली अनजान होते हैं।
जानें वजह (Mirror in Lifts)
- किसी भी इंसान में क्लॉस्ट्रोफोबिया की समस्या बेहद आम बात है और लिफ्ट एक ऐसी जगह है, जिसमें चढ़ने के बाद क्लॉस्ट्रोफोबिया बढ़ने के ज्यादा चांसेस रहते हैं, क्योंकि लिफ्ट चारों तरफ से बंद रहता है। अगर यह ट्रांसपेरेंट नहीं हुआ तो, इसके अंदर प्रवेश करते हैं इंसान के अंदर डर का माहौल बन सकता है। इस वजह से लिफ्ट के अंदर मिरर लगाए जाते हैं, ताकि लोगों का ध्यान बंट जाए और मिरर पर फोकस हो जाए। इससे किसी भी तरह की कोई अनहोनी नहीं होगी।
- कई बार लिफ्ट में चढ़ने के बाद आपने यह महसूस भी किया होगा कि जब यह ऊपर या नीचे की ओर बढ़ती है, तो अजीब सी घबराहट होने लगती है। यह एक तरह से डर का असर भी होता है। यह भी एक बड़ी वजह है, जिस कारण मिरर लगाया जाता है। इससे उनका पूरा ध्यान दूसरी तरफ केंद्रित हो जाए और लिफ्ट की गति का एहसास ना हो।
- सेफ्टी परपजब लिफ्ट में मिरर लगाए जाने की बड़ी वजह मानी जाती है। लिफ्ट में एक साथ 12 से 14 लोग प्रवेश करते हैं। ऐसे में कोई अनहोनी ना हो, इसलिए भी मिरर लगाया जाता है। इसकी मदद से लिफ्ट के अंदर चल रही गतिविधियों पर भी लोग खुद ही नजर रख सकते हैं। हालांकि, अक्सर लिफ्ट में सीसीटीवी कैमरे भी लगे होते हैं। इसके बावजूद, मिरर नजर रखने का काम करता है।
- लिफ्ट में खासकर दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए मिरर लगाए जाते हैं, क्योंकि अंदर प्रवेश करने के बाद उन्हें इधर-उधर करने में तकलीफ हो सकती है। इस दौरान वह अपने आसपास देख सके, इसलिए शीशे लगाए जाते हैं, ताकि वह बिना मुड़े आसानी से लिफ्ट में अपने आसपास की चीज देख सकते हैं और गतिविधियों को देख सकते हैं। साथ ही उनका ध्यान भी इधर-उधर भटकने के बजाय अपने आप पर केंद्रित हो जाएगा, इसलिए भी मिरर लगाया जाता है।
- इसके अलावा, लिफ्ट में मिरर लगाने की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि यदि लिफ्ट छोटी है, तो मिरर लगाने के बाद यह स्पेस बड़ा-बड़ा सा दिखने लगता है। अक्सर जहां लोग कम होते हैं, वहां छोटे लिफ्ट लगाए जाते हैं। जिसमें अधिकतम 4 से 5 लोग ही सवार हो सकते हैं। ऐसे में मिरर लगाए जाने पर डर भी खत्म हो जाता है और स्पेस भी अधिक लगने लगता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)