दुनिया के 5 देश, जहां नहीं है एक भी एयरपोर्ट, फिर भी पहुंचते हैं लाखों टूरिस्ट

देश में एयरपोर्ट ना होना चुनौतियों से भरपूर है, लेकिन टूरिस्ट डेस्टिनेशन होने के कारण सैलानी फिर भी पहुंचते हैं। अब मन में यह सवाल उठता है कि आखिर यह लोग उन देशों में पहुंचते कैसे हैं, जहां एक भी एयरपोर्ट नहीं है।

दुनिया में घूमने फिरने के लिए एक से बढ़कर एक स्थान है, जहां सालों भर पर्यटक जाते हैं। यहां वह अपने साथ बहुत सारी मेमोरीज कलेक्ट करके लौटते हैं। जैसा कि हम सभी जानते है विश्व के किसी भी देश में जाने के लिए हवाई जहाज का सहारा लेना पड़ता है। ज्यादातर देशों में एयरपोर्ट है, जो यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाते हैं।

हालांकि, आज हम आपको उन 5 देशों के बारे में बताएंगे, जहां एक भी एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन फिर भी यहां लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। बिना एयरपोर्ट के इन स्थानों पर पहुंचना अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है।

बिना एयरपोर्ट के देश

देश में एयरपोर्ट ना होना चुनौतियों से भरपूर है, लेकिन टूरिस्ट डेस्टिनेशन होने के कारण सैलानी फिर भी पहुंचते हैं। अब मन में यह सवाल उठता है कि आखिर यह लोग उन देशों में पहुंचते कैसे हैं, जहां एक भी एयरपोर्ट नहीं है। इसका जवाब बेहद आश्चर्यचकित करने वाला है। वहीं, यहां पर एयरपोर्ट ना होने के पीछे भी इन देशों का छोटा आकार, पहाड़ी इलाके, आदि शामिल है।

वेटिकन सिटी

वेटिकन सिटी एक ऐसा देश है, जहां एक भी एयरपोर्ट नहीं है। फिर भी लोग यहां की अनोखी संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए पहुंचते हैं। यह देश केवल 44 हेक्टर में फैला हुआ है, जो कि दुनिया का सबसे छोटा देश है। बता दें कि रोम और इटली के बीचो-बीच बस यह देश कैथोलिक चर्च के लिए प्रसिद्ध है। यहां एयरपोर्ट नहीं होने के कारण टूरिस्ट रोम में स्थित लियोनार्डो दा विंची-फिउमिसिनो एयरपोर्ट (FCO) एयरपोर्ट आते हैं, जहां से वह टैक्सी, ट्रेन या बस के माध्यम से वेटिकन पहुंचते हैं।

मोनाको

बिना एयरपोर्ट वाले देश की लिस्ट में मोनाको शामिल है, जो कि 2 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां ग्रैंड प्रिक्स रेस, लग्जरी कसीनो और समुद्री तट लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। यहां पहुंचने के लिए टूरिस्ट फ्रांस में स्थित नीस कोटे डी’अजूर एयरपोर्ट (NCE) पर उतरते हैं, जहां से वह कार, बस या फिर ट्रेन के माध्यम से मोनाको पहुंचते हैं। इसके लिए उन्हें 30 से 40 मिनट का सफर तय करना होता है।

सैन मारिनो

इस लिस्ट में सैन मारिनो देश भी शामिल है, जो कि 61 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह देश खुद को दुनिया का सबसे पुराना गणतंत्र कहता है। यहां कोई भी एयरपोर्ट नहीं है। लोग यहां पहुंचने के लिए इटली का फेडेरिको फेलिनी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (RMI) पर उतरते हैं, जहां से 30 मिनट का सफर तय करते हुए वह बस या फिर कार से सैन मारिनो पहुंचते हैं।

लिकटेंस्टीन

इस लिस्ट में लिख लिकटेंस्टीन भी शामिल है, जो कि स्विट्जरलैंड और आस्ट्रिया के बीच बसा हुआ है। पहाड़ी इलाके पर बसा होने के कारण यहां एयरपोर्ट बनना बहुत ही मुश्किल है। इसलिए लोग यहां सबसे नजदीकी एयरपोर्ट उड़िया एयरपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं, जहां से वह 130 किलोमीटर की दूरी ट्रेन या फिर बस से तय करके पहुंच जाते हैं।

एंडोरा

एंडोरा भी इस लिस्ट में शामिल है, जो कि फ्रांस और स्पेन के बीच पाइरेनीज पहाड़ों पर बसा है। यह देश इसकी रिजॉर्ट्स, ट्रैकिंग और ड्यूटी फ्री शॉपिंग के लिए मशहूर है। ऊंची चोटियों पर बसा होने के कारण यहां पर एयरपोर्ट बनाना बहुत ही मुश्किल है। इसलिए यहां लोग जाने के लिए एंडोरा-ला सेउ डी’उर्गेल एयरपोर्ट (LEU) का इस्तेमाल करते हैं, जो कि स्पेन में मौजूद है। यहां से वह 26 किलोमीटर की दूरी तय करके पहुंचते हैं।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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