अगर चाहते हैं गर्मियों में भी गुड़हल के भरपूर फूल, तो जरूर अपनाएं ये 5 असरदार तरीके

गर्मियों की तेज धूप में भी अगर आपके गार्डन में गुड़हल के फूल मुरझा रहे हैं या फिर कम खिलते हैं तो चिंता की बात नहीं है। कुछ आसान और देसी होम गार्डनिंग टिप्स अपनाकर आप अपने घर की बगिया को फिर से फूलों से लदा हुआ बना सकते हैं। आइए जानते हैं वे आसान ट्रिक्स, जिनसे आपकी गुडहल के फूल धूप में भी खिले खिले रहेंगे।

गुड़हल का पौधा (Hibiscus Plant Care) वैसे तो सालभर ख़ूब फूल देता है, लेकिन तेज गर्मी में इसकी हालत थोड़ी सी ख़राब हो जाती है। गर्मी के मौसम में तेज़ धूप, गर्म हवा और मिट्टी के सूखने के कारण पौधों को अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। ऐसे में कुछ घरेलू टिप्स को सही तरीक़े से आज़माएँ जाए तो पौधे फिर से चमकने लगते हैं। सबसे ज़्यादा ख़ास बात यह है कि इन उपायों में किसी भी तरह के महँगे फर्टिलाइजर या फिर इस बेड़े की ज़रूरत नहीं है, बल्कि घर में रखी चीज़ों से ही काम चल जाएगा।

हमारे घर के किचन में ऐसी कई चीज़ें पाई जाती है जो हमारे लिए एक कचरा होती है लेकिन पौधों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होती है। अगर इन चीज़ों का इस्तेमाल पौधों के लिए सही तरीक़े से किया जाए तो आपको बाज़ार से किसी भी तरह की महँगी खाद लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, बल्कि आप मिनटों में बिलकुल प्राकृतिक खाद को तैयार कर पाएंगे।

गर्मी में गुड़हल की देखभाल कैसे करें? 

गर्मियों में पौधों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है नमी और सही पोषण। गुड़हल के पौधों को हर दिन हल्का पानी डालना चाहिए। लेकिन इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि मिट्टी में ज़्यादा पानी इकट्ठा न हो, वरना जड़े सड़ सकती है। पौधे को ऐसी जगह रखें, जहाँ सुबह की हल्की धूप मिले और दोपहर की कड़ी धूप से बचाव हो सके।

हर 10-15 दिन में पौधों की छँटाई करें। ऐसा करने से नयी कोपलें निकलती है, और फूल ज़्यादा लगते हैं। साथ ही, मिट्टी में नीम खली या फिर गोबर की खाद डालना भी फ़ायदेमंद होता है। ऐसा करने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और कीड़े भी नहीं लगते हैं।

गर्मियों में गुडहल के फूलों के लिए बेस्ट खाद

गर्मी के मौसम में पौधों को ताजगी देने के लिए देसी जैविक खाद बेहतर मानी जाती है। इसके लिए आप घर पर बचे हुए सब्ज़ियों के छिलकों, फलों के छिलकों, चायपत्ती और नीम की पत्तियों को मिलाकर कंपोस्ट तैयार कर सकते हैं। ये पौधों को ज़रूरी पोषक तत्व देने में मदद करते हैं साथ ही साथ मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करते हैं।

हफ़्ते में एक बार आप छाछ को पानी में मिलाकर पौधों की जड़ों में डाल सकते हैं। ऐसा करने से मिट्टी में ठंडक बनी रहती है और फूल लंबे समय तक खिले रहते हैं। साथ ही साथ कीड़े मकोड़ों से पौधों को बचाने के लिए नीम के तेल का स्प्रे भी कर सकते हैं, ऐसा करने से पौधा स्वस्थ रहेगा।

गर्मी में गुडहल के पौधों को धूप से कैसे बचाएँ?

तेज धूप के कारण गुड़हल के फूल जल्द ही मुरझा जाते हैं। ऐसे में पौधे को ऐसी जगह रखें जहाँ दिन भर की तेज धूप ना लगे। अगर ऐसा करना मुमकिन नहीं है तो कोशिश करें पौधों के ऊपर छाँव करने की, इसके लिए आप पौधों के ऊपर नेट या फिर ग्रीन शेड भी लगा सकते हैं। गुड़हल के पौधे के लिए सुबह सात9 बजे तक की धूप अच्छी रहती है और शाम को पाँच बजे के बाद पौधों को पानी देना अच्छा होता है। दोपहर में पानी देने से मिट्टी की नमी तेज़ी से उड़ जाती है और जड़ें कमज़ोर होने लगती है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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