भारत की 5 UNESCO हेरिटेज गुफाएँ: अजंता, एलोरा से लेकर महाबलीपुरम तक, देश की सदियों पुरानी ये जगहें विश्वभर में है ये प्रसिद्ध

भारत की अजंता, एलोरा, एलिफेंटा, भीमबेटका, और महाबलीपुरम गुफाएँ UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं। ये बौद्ध, हिंदू, जैन, और पाषाण युग की कला को दिखाती हैं। अगर इतिहास और कल्चर का शौक है, तो इन गुफाओं की कहानी आपके लिए खास है।

भारत का इतिहास उसकी पुरानी गुफाओं में छिपा है, जो दुनिया भर के पर्यटकों को बुलाती हैं। महाराष्ट्र की अजंता, एलोरा, और एलिफेंटा गुफाएँ, मध्य प्रदेश की भीमबेटका रॉक शेल्टर्स, और तमिलनाडु की महाबलीपुरम गुफाएँ UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं। इनमें बौद्ध पेंटिंग्स, हिंदू मंदिर, जैन स्कल्पचर, और पाषाण युग के चित्र हैं, जो भारत की कल्चरल और रिलीजियस डाइवर्सिटी को दिखती है।

ये गुफाएँ सिर्फ़ रॉक-कट आर्किटेक्चर नहीं, बल्कि पुराने ज़माने की कला, धर्म, और ज़िंदगी का खजाना हैं। अजंता की बुद्ध पेंटिंग्स, एलोरा का कैलास मंदिर, एलिफेंटा की त्रिमूर्ति, भीमबेटका के प्रागैतिहासिक चित्र, और महाबलीपुरम के रिलीफ, हर जगह की अपनी अलग कहानी है। अगर इतिहास और रोमांच पसंद है, तो इन गुफाओं की डिटेल्स ज़रूर मज़ेदार लगेंगी। आइए, इनके बारे में जानें।

महाराष्ट्र की UNESCO गुफाएँ

महाराष्ट्र में तीन UNESCO गुफाएँ हैं, अजंता, एलोरा, और एलिफेंटा। अजंता गुफाएँ औरंगाबाद के पास हैं, जिनमें 30 बौद्ध रॉक-कट गुफाएँ (2nd सदी BCE-480 CE) हैं। ये बुद्ध की जिंदगी और जटक कथाओं की पेंटिंग्स के लिए मशहूर हैं, जो प्राकृतिक रंगों से बनी हैं। गुफा 1 में बुद्ध की धर्मचक्र प्रवर्तन मुद्रा की मूर्ति है। 1983 में UNESCO ने इन्हें हेरिटेज साइट बनाया।

एलोरा गुफाएँ भी औरंगाबाद में हैं, जिनमें 34 गुफाएँ (600-1000 CE) हैं, 12 बौद्ध, 17 हिंदू, और 5 जैन। गुफा 16 का कैलास मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मोनोलिथिक ढाँचा है, जो शिव को समर्पित है। यहाँ रामायण और महाभारत के रिलीफ हैं, जो बौद्ध, हिंदू, और जैन की सहिष्णुता दिखाते हैं। 1983 में UNESCO साइट बनीं। एलिफेंटा गुफाएँ मुंबई के पास एलिफेंटा द्वीप पर हैं। 7 रॉक-कट गुफाएँ (5th-6th सदी CE) शिव को समर्पित हैं, जिनमें 7 मीटर ऊँची त्रिमूर्ति मूर्ति है। पुर्तगालियों ने हाथी मूर्ति देखकर नाम “एलिफेंटा” रखा। 1987 में UNESCO साइट बनीं।

भीमबेटका और महाबलीपुरम

मध्य प्रदेश और तमिलनाडु की गुफाएँ भी UNESCO की लिस्ट में हैं। भीमबेटका रॉक शेल्टर्स भोपाल के पास विंध्य पर्वत में हैं। 700 से ज़्यादा शेल्टर्स में पाषाण युग की चित्रकारी है, जो शिकार, नृत्य, और आदिवासी ज़िंदगी दिखाती है। 1957 में खोजे गए ये शेल्टर्स 2003 में UNESCO साइट बने। ये भारत के सबसे पुराने कल्चरल सबूत हैं।

महाबलीपुरम गुफाएँ तमिलनाडु में बंगाल की खाड़ी के किनारे हैं। 7th-8th सदी में पल्लव वंश ने इन्हें बनवाया। वराह गुफा मंदिर, विष्णु को समर्पित, और गंगा अवतरण रिलीफ यहाँ की खासियत हैं। 10 मंडप गुफाएँ और 5 रथ मंदिर भी हैं। 1984 में UNESCO ने इन्हें हेरिटेज साइट बनाया। ये गुफाएँ दक्षिण भारत की कला और आर्किटेक्चर को बयाँ करती हैं। दोनों जगहें इतिहास और पर्यटन के लिए खास हैं।


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Ronak Namdev

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मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

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