आपकी बर्बादी की वजह बन चुकी हैं ये 6 आदतें, पढ़िए, कहीं आप भी तो नहीं फंसे?

मोबाइल बार-बार देखना, हर काम को टालना या बिना योजना के दिन शुरू करना… ये आदतें आपकी मेहनत पर पानी फेर सकती हैं। अगर आप भी दिनभर व्यस्त रहते हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं मिलता, तो इन आदतों को आज ही पहचानिए और सुधारिए।

हर किसी को दिन के 24 घंटे बराबर मिलते हैं, लेकिन कुछ लोग उसी समय का समझदारी से इस्तेमाल कर सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हैं, जबकि कुछ लोग चाहकर भी आगे नहीं बढ़ पाते। इसका सबसे बड़ा कारण है, समय का गलत इस्तेमाल। कई बार हम खुद नहीं समझ पाते कि हमारी कुछ छोटी-छोटी आदतें हमें धीरे-धीरे पीछे धकेल रही हैं।

असल में, ये आदतें रोज़ाना हमारे समय को इस तरह से खा जाती हैं कि पता ही नहीं चलता, और जब तक समझ में आता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। अगर आप भी अपने दिन का अधिकतर समय बिना किसी नतीजे के खत्म कर देते हैं, तो ज़रूरी है कि इन आदतों को पहचानें और समय रहते खुद में बदलाव लाएं।

समय बर्बाद करने वाली सबसे आम आदतें

हर काम को कल पर टालना

कामों को कल पर टालने की आदत आपको असफलता की ओर ले जाती है। यह आदत न केवल आपके जरूरी कार्यों में देरी करती है, बल्कि समय के साथ-साथ मानसिक तनाव भी बढ़ाती है। जब काम अधूरे रह जाते हैं, तो चिंता और आत्मग्लानि खुद-ब-खुद बढ़ जाती है।

बिना योजना के दिन की शुरुआत

अगर सुबह उठकर यह तय नहीं होता कि दिनभर क्या करना है, तो सारा समय इधर-उधर की चीजों में निकल जाता है। बिना योजना के दिन बिखरा हुआ और अराजक हो जाता है, जिससे जरूरी कार्य भी छूट जाते हैं और समय का सही उपयोग नहीं हो पाता।

हर किसी को ‘हाँ’ कहना

हर बार दूसरों को खुश करने के लिए ‘हाँ’ कहना आपकी दिनचर्या बिगाड़ सकता है। इससे आप अपने जरूरी कामों को टालने लगते हैं। जब आप बार-बार अपनी प्राथमिकताओं को पीछे करते हैं, तो आपके लक्ष्य दूर होते चले जाते हैं और समय का नुकसान होता है।

हर आवाज़ पर मोबाइल उठाना

मोबाइल की हर घंटी, संदेश या कंपन पर तुरंत प्रतिक्रिया देना ध्यान को कई बार भटका देता है। इससे काम की गति रुकती है और समय भी व्यर्थ होता है। हर छोटी-छोटी सूचना पर ध्यान देना आपकी एकाग्रता और उत्पादकता दोनों को कम कर देता है।

अनावश्यक बातचीत में उलझना

बिना मतलब की बातचीत में समय बिताना दिन के जरूरी हिस्से को निगल लेता है। जब आप अनावश्यक चर्चा में उलझते हैं, तो न केवल समय बर्बाद होता है, बल्कि ऊर्जा भी खत्म हो जाती है। इससे महत्वपूर्ण कामों के लिए मन और उत्साह दोनों कम हो जाते हैं।

समय को ठीक से बाँधने के उपाय

समय को ठीक से बाँधने के लिए सबसे पहला कदम है, सुबह उठते ही दिनभर का काम पहले से तय करना। इसके बाद काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँट कर तय समय में पूरा करने की आदत डालें। हर काम के बीच में थोड़ी देर विश्राम भी जरूरी है, लेकिन वह भी तय सीमा तक ही हो।

समय बचाने के लिए मोबाइल का उपयोग भी सीमित करें। कुछ निश्चित समय पर ही देखें और बाकी समय उसे एक तरफ रख दें। हर काम की एक समय सीमा तय करें और कोशिश करें कि उसी के भीतर काम पूरा हो।

मोबाइल और बातचीत से समय की बर्बादी कैसे रोकें

मोबाइल और बेवजह की बातचीत समय की सबसे बड़ी चोर होती हैं। इनसे बचने के लिए दिनभर में कुछ समय तय करें जब आप मोबाइल नहीं देखेंगे। हर बार किसी से बात करने से पहले सोचें कि यह जरूरी है या नहीं। आप चाहें तो मोबाइल को ‘चुप’ कर दें और ज़रूरी संदेशों को एक साथ देखकर उत्तर दें। दिनभर मोबाइल की ओर बार-बार देखना सिर्फ समय ही नहीं, ऊर्जा भी नष्ट करता है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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