नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार (Central government ) के (7th pay commission) लाखों कर्मचारियों (employees) के महंगाई भत्ते (Dearness allowance) में बढ़ोतरी के बाद उनके लिए एक और अच्छी खबर है। जो केंद्र सरकार के कर्मचारी corona महामारी के कारण बाल शिक्षा भत्ता (CEA) का दावा करने में विफल रहे, वे अब इस पैसे का दावा कर सकते हैं और उन्हें इसके लिए किसी आधिकारिक दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को भी उनके बच्चों की शिक्षा के लिए भत्ता मिलता है, जो 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) की सिफारिशों के अनुसार 2,250 रुपये प्रति माह है। लेकिन corona प्रकोप के कारण पिछले साल से स्कूल बंद हैं, जिसके कारण केंद्र सरकार के कर्मचारी सीईए (CEA) का दावा करने में विफल रहे।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा एक कार्यालय ज्ञापन (ओएम) जारी किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को कोरोना महामारी के कारण बाल शिक्षा भत्ता का दावा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है क्योंकि माता-पिता ने फीस ऑनलाइन जमा किया था। जिसके बाद स्कूलों ने एसएमएस या ईमेल के जरिए छात्रों का रिजल्ट भेजा था।
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DoPT ने कहा है कि सीईए के दावे स्व-घोषणा या SMS/परिणाम के ईमेल/रिपोर्ट कार्ड/शुल्क भुगतान के प्रिंट आउट के जरिए भी किए जा सकते हैं। हालांकि, यह सुविधा केवल मार्च 2020 और मार्च 2021 में समाप्त होने वाले शैक्षणिक वर्ष कोरोना काल के दौरान के लिए उपलब्ध होगी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दो बच्चों की शिक्षा के लिए बाल शिक्षा भत्ता मिलता है और यह भत्ता 2250 रुपये प्रति बच्चा प्रति माह है। यदि किसी कर्मचारी ने मार्च 2020 और मार्च 2021 शैक्षणिक कैलेंडर से सीईए का दावा नहीं किया है तो कर्मचारी इस राशि का दावा कर सकता है और कर्मचारी को उसके वेतन के रूप में धन प्राप्त होगा।