Ramayan : हिंदू धर्म में कई महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिनमें से एक रामायण भी शामिल है। बता दें कि भगवान श्री राम ने राजा दशरथ के घर पर जन्म लिया और रावण का वध कर समस्त संसार को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया। दरअसल, रावण ने त्रेता युग में माता सीता का छल से अपहरण कर लिया था। उन्हें अपने अशोक वाटिका में रखा था। इसके बाद भगवान श्री राम लंका पर चढ़ाई कर वानर सेवा की मदद से माता को मुक्त कराया। वहीं, बहुत सारे लोगों को यह नहीं पता कि रावण की मौत के बाद शूर्पणखा माता सीता से मिलने आई थी।
रामायण में सूर्पणखा का जिक्र भी है, वनवास के दौरान उसने श्री राम से विवाह का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके बाद शूर्पणखा अपने भाई रावण से इसकी शिकायत की थी, तभी रामायण का युद्ध हुआ।
पौराणिक कथा
जी हां! आपने बिल्कुल सही सुना शूर्पणखा लंका पति की इकलौती बहन थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्पणखा को इस बात की भनक लगी थी कि भगवान श्री राम ने माता सीता को त्याग दिया है। तब वह बहुत खुश हुई और मां सीता के पास पहुंच गई। इस दौरान शूर्पणखा ने माता सीता से कहा कि मुझे दशरथ के पुत्रों के कारण बहुत अधिक कष्ट झेलना पड़ा है, इसलिए अब तुम भी राम के कारण कष्ट झेल रही हो। इससे माता सीता काफी दुखी हो गई थी, उनकी आंखों में आंसू के अलावा कोई शब्द नहीं थे।
माता सीता ने दी ये सलाह
माता ने शूर्पणखा की बात सुनकर उसे हंसकर टाल दिया और कहा कि किसी से उतनी ही प्रेम की उम्मीद करनी चाहिए, जितना हम उन्हें करते हैं। साथ ही उन्होंने एक सलाह दी कि पुरानी बातों को भूलकर अपने जीवन में वह आगे बढ़े। अन्यथा, आगे और बहुत से समस्याएं उन्हें झेलनी पड़ सकती है।
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