क्या दोपहर की चाय-कॉफी चुरा रही है आपकी रातों की नींद, जानिए क्या कहता है साइंस

क्या आप जानते हैं कि भारत में दोपहर की चाय की परंपरा ब्रिटिश औपनिवेशिक काल से शुरू हुई। ब्रिटिश "टी टाइम" को भारतीयों ने अपने अंदाज में ढाला, जिसमें मसाले और दूध डालकर "मसाला चाय" बनाई गई। एक रोचक तथ्य ये भी कि विश्व प्रसिद्ध संगीतकार लुडविग वान बीथोवन अपनी कॉफी के दीवाने थे। वे हर कप के लिए ठीक 60 कॉफी बीन्स गिनते थे, ताकि स्वाद और एनर्जी बिल्कुल सही रहे। दोपहर की चाय या कॉफी पीना कई लोगों के लिए एक माइंडफुलनेस प्रैक्टिस की तरह है। कप को थामना, उसकी गर्माहट महसूस करना, और धीरे-धीरे चुस्की लेना कई लोगो के तनाव को कम करता है।

क्या आपको भी लंच के बाद चाय या कॉफी पीना पसंद है? क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो दोपहर की चाय या कॉफी के बिना दिन अधूरा मानते हैं? अगर ऐसा है तो ये खबर आपके लिए है। आपका ये चाय-कॉफी प्रेम आपकी नींद का दुश्मन बन सकता है। हाल के शोध और विशेषज्ञों की राय के अनुसार, कैफीन आपकी स्लीप साइकिल पर गहरा असर डाल सकती है।

दोपहर का समय..लंच खत्म हुआ और अब मन कर रहा है एक गरमा-गरम चाय या कॉफी की चुस्की लेने का। ऑफिस में कलीग्स के साथ चाय की गपशप हो या घर में टीवी के सामने कॉफी का मग..ये आदत हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है। लेकिन अगर आप भी रात में ठीक से सो न पाने की समस्या से परेशान हैं तो अपनी दोपहर की चाय-कॉफी पर एक बार विचार करने की ज़रूरत है.

हाल के शोध और विशेषज्ञों की राय बताती है कि दोपहर की चाय या कॉफी में मौजूद कैफीन आपकी स्लीप साइकिल को बिगाड़ सकता है। आइए,

कैफीन और नींद का रिश्ता

दोपहर की चाय या कॉफी में मौजूद कैफीन आपकी स्लीप साइकिल को बिगाड़ सकता है। चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स या चॉकलेट..ये सभी कैफीन के स्रोत हैं जो आपको तुरंत चुस्ती तो देते हैं लेकिन रात को बिस्तर पर करवटें बदलने की वजह भी बन सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि कैफीन आपके दिमाग में मौजूद एडेनोसाइन रिसेप्टर्स को ब्लॉक करता है जो नींद लाने में मदद करते हैं। नतीजा ये कि आप रात में जागते रहते हैं और सुबह थकान भरी आँखों के साथ उठते हैं।

दोपहर की चाय-कॉफी की तलब

दोपहर 1 से 3 बजे के बीच शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक (circadian rhythm) थोड़ी धीमी होती है, इसलिए थोड़ी थकावट महसूस होती है। ऐसे में कई लोग चाय या कॉफी का सहारा लेते हैं। लेकिन यह आदत सोने का वक्त बिगाड़ सकती है।

तथ्य जो आपको जानना चाहिए

1. कैफीन का असर 6-8 घंटे तक : एक कप कॉफी में मौजूद कैफीन (लगभग 80-100 मिलीग्राम) आपके सिस्टम में 6 से 8 घंटे तक रह सकता है। यानी, अगर आपने दोपहर 3 बजे चाय पी है तो रात 11 बजे तक यह आपके दिमाग को “जगाए” रख सकती है।

2. नींद की गुणवत्ता पर असर: 2023 में Journal of Clinical Sleep Medicine में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सोने से 6 घंटे पहले कैफीन लेने से नींद की गहरी अवस्था (REM स्लीप) में 20% तक कमी आ सकती है।

3. हर व्यक्ति पर अलग प्रभाव : हर किसी का मेटाबॉलिज्म अलग होता है। कुछ लोग दोपहर की चाय के बाद भी चैन की नींद सो लेते हैं, जबकि किसी दूसरे की नींद उड़ जाती है। यह आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कैफीन के प्रति संवेदनशीलता पर निर्भर करता है।

4. दोपहर 2 बजे का नियम : विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आपको रात में अच्छी नींद चाहिए तो दोपहर 2 बजे के बाद कैफीन से परहेज करें।

किस तरह पाएं इस आदत से छुटकारा

अगर दोपहर में आपको एनर्जी चाहिए तो हर्बल टी चाय या पानी का सहारा लें। नींबू पानी या पुदीने की चाय भी ताजगी दे सकती है। अगर आपको चाय की आदत छोड़नी मुश्किल लग रही है तो डिकैफ कॉफी या लो-कैफीन ग्रीन टी ट्राई कर सकते हैं। अगर नींद में दिक्कत होती है तो चाय–कॉफी की आदत पर दो हफ्तों का ब्रेक लें और देखें कि क्या प्रभाव पड़ता है। अगर नींद में दिक्कत है, तो चाय–कॉफी की आदत पर दो हफ्तों का ब्रेक लें और असर महसूस करें।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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