Air Pollution Safety Tips : जैसे ही नवंबर का महीना शुरू होता है, प्रदूषण अपनी चरम सीमा पर होता है। दिल्ली-NCR, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा समेत मध्य प्रदेश में एयर पॉल्यूशन के कारण काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। धूंध के कारण कई बार विजिबिलिटी कम हो जाती है। ऐसे में सामने की चीज दिखाई नहीं देती और यह हादसे का रूप ले लेती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य पर भी काफी गहरा असर देखने को मिलता है। इस दौरान बच्चों की देखभाल करना बेहद जरूरी है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रदूषण से बड़े बुजुर्ग काम प्रभावित होते हैं, लेकिन छोटे बच्चे इससे काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं। दूषित हवा में सांस लेने के कारण फेफड़ों में सूजन और इंफेक्शन हो सकता है, जो काफी ज्यादा खतरनाक है। इसलिए 1 से 5 साल के बच्चों को वायु प्रदूषण से बचाना बेहद जरूरी है।
बच्चे होते हैं ज्यादा प्रभावित (Air Pollution)
बता दें कि वयस्कों की तुलना में बच्चे ज्यादा तेजी से सांस लेते हैं। इस कारण प्रदूषण उनकी बॉडी में हवा बहुत ज्यादा मात्रा में प्रवेश करते हैं। जिस कारण आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों से संबंधित समस्याएं हो जाती है, जो आगे चलकर उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। यह जहरीली हवा फेफड़ों को पार करते हुए खून में मिलते हैं और फिर शरीर के अन्य अंगों तक पहुंच जाते हैं। इस कारण बच्चों की कंडीशन काफी ज्यादा खराब हो जाती है, क्योंकि बच्चों में ह्यूमैनिटी सिस्टम काफी ज्यादा वीक होता है। इसलिए उन पर प्रदूषण का ज्यादा और खतरनाक असर देखने को मिलता है। प्रदूषण से बचने के लिए और बच्चों का खास ख्याल रखने की सलाह डॉक्टरों द्वारा भी दी जाती है।
अपनाएं ये टिप्स (Adopt these Tips)
- प्रदूषण को लेकर सभी राज्यों में अलर्ट भी जारी किया जा चुका है। कई राज्यों में स्कुल भी बंद कर दिए गए हैं, ताकि स्थिति सामान्य होने तक किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो। इसके अलावा, ग्रैप 4 भी लागू किया जा चुके है। ऐसे में अपने बच्चों को बाहर न जाने दें। कोशिश करें कि वह घर के अंदर ही रहे। खासकर सुबह और शाम के समय, क्योंकि इस वक्त पॉल्यूशन लेवल काफी ज्यादा हाई होता है।
- घर में वातावरण को स्वच्छ और शुद्ध बनाए रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। जरूरत पड़ने पर ही खिड़की और दरवाजों को खोलें। अन्यथा, इसे बंद ही रखें, क्योंकि बाहर से आने वाली हवा प्रदूषित है जो आपके बच्चे को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
- किसी कारण अगर बच्चे को बाहर जाना पड़ रहा है, तो उसे मास्क पहना दें। इससे काफी हद तक प्रदूषक सांस के जरिए शरीर में प्रवेश नहीं कर पाएगा और इस तरह आपका बच्चा सेफ रहेग।
- प्रदूषण से बचने के लिए बच्चों को ह्यूमैनिटी बूस्ट करने की सलाह दी जाती है। इसलिए उनकी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, आदि शामिल करें। उन्हें रोजाना फल, सब्जी, दूध, अंडा, आदि खिलाएं। इससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और वह बीमार कम होंगे।
- अगर आपके बच्चे घर से बाहर निकलते हैं, तो उन्हें मास्क के अलावा चश्मा भी पहनाए। इससे धूल के कण आंखों में नहीं पड़ेंगे और आंखों में जलन जैसी समस्याएं नहीं होगी। क्योंकि प्रदुषण के कारण आंखों से संबंधित समस्याएं भी बढ़ जाती है।
- बच्चों के शरीर को पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, इस बात का भी खास ख्याल रखना है। इसलिए हर एक घंटे में बच्चों को गुनगुना पानी दें। इससे उन्हें ठंड भी नहीं लगेगा और हाइड्रेशन की कमी नहीं होगी।
लक्षण (Symptoms)
यदि बच्चे में सर्दी, खांसी, सीने में घबराहट या सांस लेने में तकलीफ जैसे कोई लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इसे बिल्कुल भी नजर अंदाज न करें। फौरन अपने बच्चों को डॉक्टर के पास लेकर जाएं। सही समय पर उचित इलाज मिलने से आपका बच्चा जल्दी सेहतमंद हो जाएगा। अन्यथा, यह आपके बच्चे के लिए आगे चलकर नुकसानदेह भी हो सकता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)