Mon, Dec 29, 2025

आपके पेट में भी है दिमाग..हिचकी का कनेक्शन है डायनासोर से, जानिए मानव शरीर के ये रोमांचक रहस्य

Written by:Shruty Kushwaha
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क्या आप जानते हैं कि एक ठहाका आपकी सेहत के लिए जिम से कम नहीं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि हंसने से तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल का स्तर कम होता है और आपके शरीर में इम्यून सेल्स की संख्या बढ़ती है। आपका पसंदीदा गाना आपके दिमाग के लिए जॉगिंग जैसा काम करता है। एक शोध के अनुसार, संगीत सुनने से दिमाग में डोपामाइन रिलीज होता है जो न सिर्फ आपको खुश रखता है बल्कि आपकी याददाश्त और एकाग्रता को भी बढ़ाता है।
आपके पेट में भी है दिमाग..हिचकी का कनेक्शन है डायनासोर से, जानिए मानव शरीर के ये रोमांचक रहस्य

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हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार, व्यायाम और अच्छी नींद जरूरी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हँसना आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है या फिर आपका पसंदीदा गाना आपके दिमाग को तेज कर सकता है। या आपकी हड्डियां स्टील से भी ज़्यादा मज़बूत होती हैं?

इंसानी शरीर रहस्यों से भरा है। ऐसे कई चौंकाने वाली बातें हैं जो न सिर्फ दिलचस्प हैं, बल्कि आपको अपने शरीर के प्रति जागरूक भी बनाती हैं। आइए जानते हैं शरीर के विज्ञान से जुड़े कुछ ऐसे ही तथ्य, जो किसी विज्ञान कथा से कम नहीं लगते हैं।

हिचकी की जड़ें डायनासोर युग से जुड़ी हैं

वैज्ञानिकों का मानना है कि हिचकी एक आदिकालीन जीवविज्ञानिक प्रक्रिया है, जो उभयचर जीवों (amphibians) की सांस लेने की प्रणाली से जुड़ी है। यह मानव शरीर में एक ‘जीवाश्म रिफ्लेक्स’ के रूप में बचा है।

पेट में ‘दूसरा दिमाग’ होता है

इंसानी पाचन तंत्र में लगभग 50 करोड़ न्यूरॉन्स होते हैं जिन्हें “एंटरिक नर्वस सिस्टम” कहा जाता है। वैज्ञानिक इसे “गट ब्रेन” यानी पेट का दिमाग कहते हैं, क्योंकि यह भावनाओं और मेंटल हेल्थ पर सीधा असर डालता है।

सोने से पहले ठंडा पानी पीना आपके हृदय को आराम देता है

रात में सोने से पहले ठंडा पानी पीने से शरीर के अंदर की गर्मी कम होती है, जिससे हृदय की धड़कन भी संतुलित होती है। यह नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। हालांकि, सर्दी के मौसम में ऐसा न करें।

तेज़ म्यूज़िक सुनने से हार्ट रेट बढ़ती है

जैसे ही आप तेज़ धुन वाला म्यूज़िक सुनते हैं, आपकी धड़कनें बढ़ जाती हैं और ब्लड प्रेशर भी हल्का-सा ऊपर जाता है। यह एक्सरसाइज़ के दौरान फायदेमंद होता है।

नींद में भी शरीर ‘डिटॉक्स’ करता है

जब आप गहरी नींद में होते हैं, तो मस्तिष्क “ग्लाइंफैटिक सिस्टम” नामक एक प्रणाली के ज़रिए अपने विषैले तत्वों को बाहर निकालता है। यही कारण है कि नींद की कमी से सिर भारी और उलझन-सी महसूस होती है।