क्या होता है Bibliophobia, कौन सी है दुनिया की सबसे महंगी किताब, जानिए पुस्तकों से जुड़े 10 रोचक तथ्य

क्या आप जानते हैं कि 'Orbis Sensualium Pictus' दुनिया की पहली बच्चों की सचित्र किताब है जिसे 1658 में जॉन कोमेनियस ने लिखा था। यह एक विश्वकोश की तरह थी, जो बच्चों को चित्रों के माध्यम से दुनिया के बारे में सिखाती थी। कई देशों ने पुस्तकों और लेखकों को सम्मानित करने के लिए डाक टिकट जारी किए हैं। सबसे रोचक बात यह है कि कुछ टिकटों पर पुस्तकों की गंध वाली स्याही का उपयोग किया गया, जैसे स्विट्जरलैंड का एक टिकट जो पुरानी किताबों की खुशबू देता है। वहीं, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार बाइबिल दुनिया की सबसे ज्यादा चुराई जाने वाली किताब है। इसे होटल के कमरों, दुकानों, और लाइब्रेरी से अक्सर चुराया जाता है।

Books Fascinating Facts : आज विश्व पुस्तक दिवस है। पुस्तकों का हमारे जीवन में गहरा और व्यापक महत्व होता है। वे न सिर्फ ज्ञान का स्रोत होती हैं, बल्कि हमारी सोच, विचार और मानसिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पुस्तकों का महत्व विभिन्न पहलुओं से जुड़ा होता है, और इन्हें पढ़ने से हमें न केवल जानकारी मिलती है बल्कि हम अपनी सोच को भी विस्तारित कर सकते हैं।

पुस्तकें हमारे जीवन तो ज्ञान के प्रकाश से उज्जवल करती हैं। किताबों को पढ़कर हम जान पाते हैं कि ये संसार कितना विस्तृत है, यहां कितनी विविधताएं हैं और हमारी दृष्टि के कितना कुछ छूट जाता है। हम पुस्तकों के ज़रिए संसार की कितनी नई बातें जान पाते हैं। किताबें पढ़ना और दुनिया घूमना..ये दो चीज़ जो हमें विचारवान और उदार बनाती हैं। हम जान पाते हैं कि हमारी सोच समझ के आगे भी दुनिया है और हमें दूसरों के नज़रिए को भी देखना समझना चाहिए।

पुस्तकें यानी ज्ञान का पुंज 

जब हम पढ़ते हैं तब हम साथ-साथ सीखते भी हैं। किताबें बचपन से ही हमारी साथी बन जाती हैं। स्कूल जाते ही अक्षर ज्ञान शुरु हो जाता है। लेकिन पुस्तकें सिर्फ औपचारिक शिक्षा तक ही सीमित नहीं हैं। दुनिया में कई विषयों की किताबें हैं जिनमें साहित्य, कला, विज्ञान, मनोविज्ञान, इतिहास पुरातत्व, समाजशास्त्र, राजनीति, स्वास्थ्य सहित अनेक सब्जेक्ट शामिल हैं। इन्हें हम अपनी रूचि अनुसार चुन सकते हैं। साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है और साहित्यिक किताबें हमें विचारवान मनुष्य बनाने में सहायता करती हैं। आज विश्व पुस्तक दिवस पर हम पुस्तकों से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां जानेंगे।

पुस्तकों के बारे में रोचक तथ्य

1. सबसे पुरानी पुस्तक : दुनिया की सबसे पुरानी ज्ञात पुस्तक “डायमंड सूत्र” है, जो 868 ईस्वी में छपी थी। यह एक बौद्ध ग्रंथ है, जो चीन में लकड़ी के ब्लॉक प्रिंटिंग तकनीक से बनाया गया था।

2. सबसे छोटी पुस्तक : जापान में बनी “शिकी नो कुसाबाना” दुनिया की सबसे छोटी किताब है। ये इतनी छोटी है कि इसे पढ़ने के लिए माइक्रोस्कोप की जरूरत पड़ती है। इसके पन्ने 0.75 मिलीमीटर के हैं।

3. बैन की गई किताबें : कई मशहूर किताबें, जैसे जॉर्ज ऑरवेल की ‘1984’ और जे.के. राउलिंग की ‘हैरी पॉटर’ सीरीज, विभिन्न देशों में समय-समय पर प्रतिबंधित की गई हैं, क्योंकि कुछ लोगों को उनकी सामग्री विवादास्पद और आपत्तिजनक लगी।

4. सबसे महंगी किताब : लियोनार्डो दा विंची का हस्तलिखित नोटबुक “कोडेक्स लेस्टर” 1994 में 30.8 मिलियन डॉलर में बिका था, जो अब तक की सबसे महंगी किताब मानी जाती है।

5. पुस्तकों की गंध : जैसे जैसे तकनीक विकसित होती गई, कुछ आधुनिक पुस्तकें विशेष तरीके से बनाई जाने लगी। इन किताबों के पन्नों से चॉकलेट, कॉफी या फूलों की खुशबू आती है।

6. लाइब्रेरी का आकार : अमेरिका की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी है, जिसमें 170 मिलियन से ज्यादा किताबें और दस्तावेज हैं।

7. पहली ई-बुक : 1971 में माइकल हार्ट ने ‘डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस’ को डिजिटल फॉर्मेट में बदलकर पहली ई-बुक बनाई थी, जिससे प्रोजेक्ट गुटेनबर्ग की शुरुआत हुई।

8. पुस्तकों का डर : “बिब्लियोफोबिया” (Bibliophobia) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लोग किताबों से डरते हैं। यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह वास्तव में ऐसा होता है। यह एक मानसिक स्थिति है, हालांकि यह दुर्लभ है।

9. पुस्तकों का अनुवाद : बाइबिल दुनिया की सबसे ज्यादा अनुवादित किताब है, जो 3,000 से ज्यादा भाषाओं में उपलब्ध है।

10. पुस्तकों की गंध का वैज्ञानिक कारण : पुस्तकों..खासकर पुरानी किताबों से एक प्रकार की की अनोखी गंध आती है जो लिग्निन (lignin) नामक रसायन के कारण होती है। ये केमिकल कागज में मौजूद होता है। लिग्निन समय के साथ टूटता है और वैनिलिन जैसे कंपाउट छोड़ता है। इस गंध को “बिब्लियोस्मिया” कहा जाता है और कुछ लोग इसे इतना पसंद करते हैं कि इसके आधार पर इत्र भी बनाए गए हैं।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है।हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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