आजकल ऑनलाइन शॉपिंग हो या फिर बिल पेमेंट, कभी भी शीघ्रता से जानकारी पाने के लिए हम QR कोड का सहारा लेते हैं। ये छोटी सी ब्लैक व्हाइट चौकोर टैग आपकी स्क्रीन पर दिखती ही नहीं बल्कि आपको सीधे लिंक, पेमेंट एप या वेबसाइट तक पहुँचाती है। इतने काम की चीज़ है फिर भी ज़्यादातर लोग इसकी फ़ुल फ़ॉर्म से अनजान हैं।
अक्सर कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम में इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं, ऐसे में हमें भी इन बातों का नॉलेज होना चाहिए। कई बार इस तरह के छोटे छोटे प्रश्न इंटरव्यू में भी पूछे जाते हैं, इसलिए हम आपके लिए अक्सर इस तरह की चीज़ें लेकर आ सकते हैं जिससे ही न सिर्फ़ आपका IQ लेवल बड़े बल्कि, आप चार लोगों के बीच ख़ुद को मज़ेदार साबित कर सके।

QR की दुनिया
QR कोड (QR Code) आपने हर जगह देखा होगा, काफीन्यूमैनिक मेन्यू, डिजिटल पेमेंट, टिकट बुकिंग से लेकर प्रमोशनल ऑफर तक। लेकिन क्या आप जानते हैं कि “QR” का फुल फॉर्म “Quick Response” होता है? आज QR कोड ने हमारे रूटीन में अपनी जगह ऐसी बना ली है कि हम बिना सोचे-समझे इसे स्कैन कर लेते हैं।
QR Code का अविष्कार और पहला इस्तेमाल
QR कोड को डेन्सो वेव नामक टोयोटा की सहायक कंपनी ने कार के पुर्जों पर नजर रखने के लिए डेवलप किया था। पुराने बारकोड की तुलना में QR कोड में ज़्यादा जानकारी स्टोर करने की क्षमता थी। इसमें URL, टेक्स्ट, लोकेशन, कॉन्टैक्ट डिटेल्स तक छिपाई जा सकती हैं। 1990 के दशक में जब इंटरनेट और मोबाइल टेक्नोलॉजी तेज़ी से बढ़ रही थी, QR कोड ने खुद को एक आसान और सस्ता डेटा एक्सेस टूल के रूप में साबित किया।
QR Code का फुल फॉर्म और संरचना
“QR” का फुल फॉर्म होता है Quick Response, यानी जल्दी से जवाब देने वाला। QR कोड में ब्लैक-एंड-व्हाइट मॉड्यूल्स होते हैं जो चौकोर ग्रिड में सेट होते हैं। ये मॉड्यूल्स एक स्कैनर या स्मार्टफोन कैमरा के ज़रिए पढ़े जाते हैं। हर QR कोड में तीन बड़े फाइंडर पैटर्न होते हैं, ये कोड को रोटेशन की कोई परवाह किए बिना जल्दी स्कैन करने में मदद करते हैं। बाकी की जगह पर डेटा स्टोर होता है, जो UTF-8 या बाइनरी फॉर्मेट में एन्कोड किया जाता है।
QR Code के इस्तेमाल के फायदे
- डिजिटल पेमेंट जैसे UPI, पेटीएम, फोनपे जैसे ऐप्स में QR स्कैन कर आप तुरंत पैसा भेज या पा सकते हैं।
- विजिटिंग कार्ड जैसे एक QR कोड में आपकी पूरी प्रोफाइल लिंक की जा सकती है, नाम, फोन, ईमेल, वेबसाइट।
- प्रमोशनल ऑफर जैसे मार्केटर्स QR के जरिए यूजर्स को अनऑफ़िशियल ऑफर्स और डिस्काउंट लिंक तक ले जाते हैं।
- टिकट वेरिफिकेशन जैसे ट्रेनों और इवेंट्स में QR टिकट स्कैन कर इनपुट वैलिडेशन होती है, जिससे फेक टिकट की संभावना कम होती है।
QR Code की सुरक्षा और चुनौतियां
फिशिंग अटैक्स: यूज़र बिना सोचे QR स्कैन करें और फिशिंग पेज पर पहुंच जाएं, जहां से उनकी प्राइवेट जानकारी चोरी हो सकती है।
मैलवेयर डिस्ट्रीब्यूशन: कुछ QR कोड सीधे APK या मैलवेयर डाउनलोड करवा देते हैं।