अक्षय तृतीया पर भारत ही नहीं, इन देशों में भी खास अवसर और त्योहार पर है सोना-चांदी खरीदने की परंपरा, जानिए दुनियाभर की मान्यताएं

सोने-चांदी की खरीदारी विशेष अवसरों पर दुनिया भर में प्रचलित है। इसके पीछे धार्मिक और पारंपरिक मान्यताओं के साथ मनोवैज्ञानिक कारण भी होते हैं। सोना सुरक्षा, सामाजिक प्रतिष्ठा, धार्मिक विश्वास और उत्सव की भावना से जुड़ा होता है। इसीलिए ये प्रथा न सिर्फ धार्मिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व रखती है बल्कि आर्थिक स्थिरता और निवेश का एक विश्वसनीय साधन भी है। 

Akshaya Tritiya and Gold Buying : आज अक्षय तृतीया है..हिंदू पंचांग के अनुसार एक ऐसा दिन जिसे अत्यंत शुभ, सौभाग्यदायक और स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना गया है। ‘अक्षय’ का अर्थ होता है जो कभी क्षय न हो, यानी जिसका कभी अंत न हो। इसी अर्थ को धारण करते हुए यह दिन ऐसे सभी कार्यों के लिए आदर्श माना गया है जिनमें निरंतर वृद्धि की कामना हो जैसे धन, पुण्य, समृद्धि और संपत्ति।

अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी खरीदने की परंपरा है। इसे माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की कृपा प्राप्त करने का उपाय माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन की गई सोने-चांदी की खरीद भविष्य में आर्थिक लाभ, स्थिरता और समृद्धि का कारण बनती है। यही कारण है कि यह दिन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी भारतीय जनमानस में गहराई से जुड़ा हुआ है। लेकिन किसी त्योहार पर सोना-चांदी खरीदने की परंपरा सिर्फ हमारे देश में ही नहीं है। दुनिया में ऐसी कई जगहें-देश हैं जहां किसी विशेष अवसर या त्यौहार पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। आइए आज हम ऐसी ही कुछ अन्य देशों की परंपराओं के बारे में जानते हैं।

चीन: नव वर्ष और अन्य उत्सवों पर

चीन में सोना खरीदना समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है, खासकर चीनी नव वर्ष (Lunar New Year) के दौरान। इस अवसर पर लोग सोने के आभूषण, सिक्के और गोल्ड-बार खरीदते हैं क्योंकि वहां सोना धन और शुभता का प्रतीक माना जाता है। नव वर्ष के दौरान वहां सोने की मांग बढ़ जाती है। लोग इसे उपहार के रूप में भी देते हैं।

थाईलैंड: बौद्ध त्योहार और शादी के अवसर पर

थाईलैंड में सोना खरीदना धार्मिक और सामाजिक अवसरों, विशेष रूप से बौद्ध त्योहारों और विवाह के दौरान शुभ माना जाता है। थाई परंपरा में दूल्हे की ओर से दुल्हन को सोने के आभूषण देना (जैसे हार, कंगन आदि) एक महत्वपूर्ण रिवाज है जिसे “सिन सॉट” (दहेज) का हिस्सा माना जाता है। यह समृद्धि और परिवार की प्रतिष्ठा का प्रतीक है। यहां बौद्ध मंदिरों में सोने की पत्तियां (गोल्ड फॉइल) चढ़ाने की प्रथा है, जो पुण्य और सौभाग्य के लिए की जाती है। थाईलैंड में सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है और लोग इसे त्योहारों जैसे थाई नव वर्ष (सोंगक्रान) के दौरान भी खरीदते हैं।

मध्य पूर्व (सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात): ईद और शादी पर

मध्य पूर्व के देशों में, विशेष रूप से सऊदी अरब और यूएई में, सोने की खरीदारी को धार्मिक और सामाजिक अवसरों पर शुभ माना जाता है। ईद-उल-फितर और ईद-उल-अधा जैसे इस्लामी त्योहारों के दौरान लोग सोने के आभूषण खरीदते हैं। दुबई के ‘गोल्ड सूक’ में भारी भीड़ देखी जाती है। साथ ही, मध्य पूर्वी संस्कृतियों में शादी के दौरान सोने के गहने दहेज का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। इन क्षेत्रों में सोना सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है और लोग इसे उपहार के रूप में भी देते हैं। दुबई को ‘सोने का शहर’ कहा जाता है जहां सोने की खरीदारी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।

यूरोप: क्रिसमस और विशेष अवसर पर

यूरोप में, विशेष रूप से जर्मनी, इटली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में सोने और चांदी की खरीदारी क्रिसमस, शादी और अन्य विशेष अवसरों पर काफी प्रचलित है। यहां लोग क्रिसमस के दौरान सोने और चांदी के सिक्के, आभूषण या सजावटी वस्तुएं खरीदते हैं। यह समृद्धि और शुभकामनाओं का प्रतीक है। यूरोपीय परंपराओं में सोने की अंगूठियां और आभूषण शादी और सगाई के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। यूरोप में सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है और लोग विशेष अवसरों पर गोल्ड बार या सिक्के खरीदते हैं।

अमेरिका: ब्लैक फ्राइडे और निवेश के अवसर

संयुक्त राज्य अमेरिका में सोने और चांदी की खरीदारी मुख्य रूप से आर्थिक निवेश और छुट्टियों के मौसम से जुड़ी हुई है। थैंक्सगिविंग के बाद ब्लैक फ्राइडे और क्रिसमस की खरीदारी के दौरान लोग सोने और चांदी के आभूषण, सिक्के और बार खरीदते हैं। यह उपहार देने और निवेश का समय होता है। अमेरिका में सोने को मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में देखा जाता है। लोग विशेष अवसरों पर, जैसे कि रिटायरमेंट या बड़े निवेश के लिए सोने के सिक्के (जैसे अमेरिकन ईगल) खरीदते हैं। हालांकि अमेरिका में धार्मिक आधार पर सोने की खरीदारी कम है, लेकिन अप्रवासी समुदाय (जैसे भारतीय, चीनी) अपने सांस्कृतिक त्योहारों पर सोना खरीदते हैं।

दक्षिण-पूर्व एशिया (वियतनाम, मलेशिया): टेट और अन्य त्योहार पर

वियतनाम और मलेशिया जैसे देशों में भी सोने की खरीदारी विशेष अवसरों पर बेहद शुभ मानी जाती है। वियतनाम में टेट यानी की नववर्ष (Lunar New Year) के दौरान लोग सोने के आभूषण और सिक्के खरीदते हैं जो सौभाग्य और धन का प्रतीक माना जाता हैं। सोने को उपहार के रूप में देना भी यहां आम प्रचलन है। मलेशिया में दीपावली और चीनी नव वर्ष के दौरान भारतीय और चीनी समुदाय सोना-चांदी खरीदते हैं। यह समृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़ा होता है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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