बादाम के छिलके फेंके नहीं, ब्यूटी बढ़ाने के लिए बहुत काम के हैं ये छिलके

Amit Sengar
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जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। तैयारी बादाम (almond) का हलुवा बनाने की हो या फिर रोज बादाम भिगो कर खाने की हो। हर बार बादाम का छिलका उतारा जाता है और फेंक दिया जाता है। बिना ये सोचे की बादाम का ये छिलका कितना फायदेमंद हो सकता है। फाइबर्स से भरपूर ये छिलका खूबसूरती बढ़ाने में भी कारगर है। इसके फायदे जानिए और समझिए। ताकि आप अगली बार इस छिलके को बेकार समझ कर फेंकने से पहले आप इसके फायदे जान सकें।

क्यों फायदेमंद हैं बादाम के छिलके?

बादाम की तरह इसके छिलकों में भी एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं। एंटी माइक्रोबियल और एंटी वायरल गुण भी इसमें मिल जाएंगे। इसलिए छिलके के गुण भी कम नहीं कहे जा सकते। अगर बादाम छीलकर खाते हैं तो भी छिलके संभाल कर रखें। जानिए इन छिलकों से आप क्या क्या कर सकते हैं।

छिलकों से बनाएं एक्सफॉलिएटर
बादाम के छिलके से आप अपनी स्किन के लिए बेहतरीन एक्सफॉलिएटर तैयार कर सकते हैं। जो स्किन के डेड सेल्स को रिमूव कर सकता है। स्किन का ऑयल बैलेंस भी बनाकर रख सकता है। ऑल्मंड ऑयल तो स्किन के लिए फायदेमंद है ही इसके छिलके के इस्तेमाल से आप वही इफेक्ट हासिल कर सकते हैं। चलिए जानते हैं एक्सफॉलिएटर बनाने का तरीका

– सबसे पहले जो बादाम के छिलके आपने जमा किए हैं उन्हें कच्चे दूध में भिगो कर रख दें।

– अगर स्किन बहुत ज्यादा ऑयली रहती है तो दूध की जगह दही का उपयोग करें।

– वैसे तो छिलके ज्यादा दिन के जमा किए नहीं होंगे तो क्वांटिटी बहुत कम होगी। ऐसा है तो आप बादाम और दही को सिल बट्टे पर पीस सकते हैं। दूध के साथ भिगे बादाम के छिलकों को भी इसी तरह सिल बट्टे पर पीसा जा सकता है।

– बादाम के छिलके से बना एक्सफॉलिएटर तैयार है। आपप इस मिश्रण को स्क्रब की तरह चेहरे पर लगाएं। चाहें तो पेस्ट को पूरा महीन पीसकर इसे पेस्ट की तरह यूज करें। दोनों ही तरीकों में इसके गुण कम नहीं होंगे। इस स्क्रब या पेस्ट को लगाने के कुछ देर बाद नॉर्मल पानी से चेहरा धोलें।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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